बदहाल हुआ अंतरराष्ट्रीय हाकी स्टेडियम

राजनांदगांव। शहर बेग गौरव पथ के पास बना है प्रदेश का पहला इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम। कोरोना के संक्रमण काल में लोग तो बीमार हुई ही, स्टेडियम की दशा भी खराब हो गई। लाकडाउन के कारण वहां कोई खेलने जाते नहीं थे। इस कारण प्रशासन ने महंगे एस्ट्रोटरफ् की सुध ही नहीं ली। अब वहां चारों तरफ दुर्दशा दिख रही है।
स्टेडियम के बनने के बाद हॉकी की नर्सरी कहे जाने वाले राजनांदगांव के खिलाड़ियों और खेल प्रेमी लोगोंग में काफी उत्साह था और स्टेडियम के बनने के बाद काफी उम्मीदें थी कि आने वाले समय में शहर से और भी अच्छे खिलाड़ी निकलेंगे और नेशनल-इंटरनेशनल स्तर तक पहुंचेंगे लेकिन करोड़ो की लागत से बने हॉकी स्टेडियम और एस्ट्रो टर्फ की हालत बेहद खराब हो गई है। इस वजह से खिलाड़ियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वही इस मैदान में लगे एस्ट्रोटर्फ में मिटटी जम गई और आस पास मैदान में बड़े-बड़े घास उग आये हैं। साथ ही दर्शको के लिए बनाये गए स्टेंड, खुर्सियां टूट गई है। वाच टावर भी टूट गया है। वही इस स्टेडियम की ओर आगे ध्यान नहीं देने से आने वाले दिनों में स्टेडियम सिर्फ नाम का रह जायेगा।
करोड़ रुपये की लागत से बने इस मैदान में बिछे एस्ट्रो टर्फ मैट मे धुल और मिट्टी की परत जमी हुई है. प्रशासन की उदासूनता और रख रखाव के अभाव में मैदान खराब होने लगा है. टर्फ में लगातार धूल और मिट्टी बैठने लगी है. वहीं मैदान के अलग-अलग हिस्सों से टर्फ उखाड़े ने भी लगा है. करोड़ों की लागत से बने टर्फ जिला प्रशासन और खेल विभाग की उदासीनता के चलते बदहाली की ओर धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. रख रखाव के अभाव में यहां उगे घास और कटीली झाडिया जंगल में तब्दील होने लगी है ।
दर्शक दीर्धा की कुर्सीया टूटने लगी है. और कुछ तो गायब हो गई है ऐसे में खिलाडीयों मे हताशा बनी हुई खिलाडीयो का कहना है कि अब यह मैदान खेलने लायक नही रहा है. बहरहाल अगर समय रहते प्रशासन इस ओर ध्यान नही दिया गया तो हाकी की नर्सरी कही जाने वाली राजनांदगांव मे हाकी का खेल विलुप्त होने से कोई रोका नही जा सकता।