योग के दाम पर मौत को दी मात

राजनांदगांव। योग के दाम पर बड़ी से बड़ी बीमारियों को हराया जा सकता है। यह कर दिखाया है गंडई के संदीप अग्रवाल ने। 17 साल की उम्र में रूमेटाइड अर्थराइटिस बीमारी ने घेर लिया। रूमेटाइड अर्थराइटिस होने के बाद जिंदगी बैशाखी पर आ गई। संदीप के स्वजनों ने नामी चिकित्सकों को दिखाया। जब तक काफी देर हो चुकी थी। डाक्टरों ने 25 साल से अधिक जीवन नहीं होने की जानकारी दी। इसके बाद भी संदीप ने हार नहीं मानी।
रूमेटाइड अर्थराइटिस से ग्रसित होने के संदीप का चलना-फिरना काफी कम हो गया। शरीर के हर जोड़ में दर्द होने के कारण वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। इसीबीच कुछ साल के अंतराल में उसे दो से तीन हार्ट अटैक भी आ गया। हार्ट अटैक आने के बाद उन्होंने अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल किया। नियमित योग ने संदीप की जिंदगी को पूरी तरह से बदल कर रख दी। नियमित योग से शरीर को इतना लाभ हुआ कि बैशाखी में चलने वाला संदीप आज चलने फिरने के साथ-साथ दौड़ भी रहा है।
गंडई निवासी 38 वर्षीय संदीप अग्रवाल को रूमेटाइड अर्थराइटिस बीमारी की जानकारी वर्ष 2000 में हुई। काफी इलाज कराने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। लगभग 12 साल तक इलाज चलता रहा। लेकिन कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने योग करना शुरू कर दिया। नियमित योग ने रूमेटाइड अर्थराइटिस के दर्द को पूरी तरह से कम कर दिया। संदीप ने बताया कि शुरुआत दिन में जिंदगी काफी तकलीफदेह रही। इसके बाद भी योग नियमित जारी रहा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 से नियमित योग कर रहे हैं। अब तक वे एक भी दिन गेप नहीं किए हैं। कई सालों से रोजना योग कर रहे हैं। संदीप ने बताया कि योग ने नई जिंदगी दी है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस बीमारी से ग्रसित होने के बाद संदीप की बहन ज्योति अग्रवाल ने योग-प्राणायम करने की सलाह दी। बहन से मिली सलाह को उनसे जीवन में उतार लिया। वर्ष 2012 से संदीप लगातार योग कर रहे हैं। यहीं नहीं लोगों को योग से होने वाले फायदें भी बता रहे हैं। साथ ही लोगों को प्रतिदिन योग करने की सीख भी दे रहे हैं। ताकि लोगों को योग से अधिक से अधिक फायदें मिल सकें। वे क्षेत्र में लगातार योग का प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं।
रूमेटाइड अर्थराइटिस (आरए) आमतौर पर पहले हाथ और पैर में छोटे जाइंट्स को प्रभावित करता है. बाद में कलाई, कोहनी, टखनों, घुटनों, कूह्लों और कंधों तक फैल सकता है. यहां तक कि शरीर के दूसरे हिस्सों जैसे आंखें, हृदय, फेफड़े और रक्त वाहिकाओं को भी प्रभावित कर सकता है. संदीप ने बताया कि वह रोजना वीर भद्रासन,धनुरासन, सेतुबंधासन, मंडूकासन, शशकासन, उष्ट्रासन, मंडूकासन भुजंगासन, ताड़ासन करते हैं।