मध्य प्रदेश

फ्रेंडी और एल्टन चीतों के गर्दन में भी घाव की आशंका

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भोपाल

कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर चिंताजनक खबर सामने आई है। कूनो में रह रहे दो चीतों फ्रेंडी और एल्टन की गर्दन में कीड़े पाए जाने की बात सामने आ रही है। चीतों को लगाई गई कॉलर आई से घाव होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। वहीं, दो अन्य चीतों अग्नि और वायु में एक के पैर में फैक्चर और एक की छाती में चोट पाई गई है। लगातार हो रही चीतों की मौत के बाद एक बार फिर सभी चीतों को बाड़े में वापस रख लिया गया है। फिलहाल सिर्फ एक चीता निर्भय सेसईपुरा क्षेत्र में भ्रमण कर रहा है। बाकी सभी चीतों को बाड़े में बंद कर दिया गया है। कूनो में बीते एक सप्ताह में दो चीतों की मौत हो गई है।

 

हालांकि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने रविवार को उन मीडिया रिपोर्ट को खारिज किया था, जिसमें चीतों की मौत के लिए रेडियो कॉलर को जिम्मेदार बताया गया था। जीपीएस आधारित रेडियो कॉलर को चीतों के गले में बांधा गया है, ताकि उनकी स्थिति पर नजर रखी जा सकी। वहीं, चीता लाने की परियोजना से जुड़े एक विशेषज्ञ ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से लाए गए एक नर चीता की मौत रेडियो कॉलर से हुए संक्रमण के चलते हुई थी।

बता दें, मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में शुक्रवार को एक मेल चीते सूरज की मौत हो गई थी। जांच रिपोर्ट में चीते सूरज के गले में घाव और घाव में कीड़े होने की बात सामने आई थी। कूनो नेशनल पार्क में पिछले चार महीने में आठ चीतों की मौत हो चुकी है। इसमें पांच चीते और तीन शावक शामिल हैं। अब कूनो नेशनल पार्क में 15 चीते और एक शावक बचा है। इससे पहले केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने चीते की मौत पर कहा था कि इंटरनेशनल विशेषज्ञों की टीम कूनो में जांच करेंगी। चीतों को कूनो से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जाएगा।

सोमवार को अधिकारियों ने जानकारी दी और बताया कि चीतों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है। कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में खुला छोड़े गए रेडियो कॉलर चीतों को जांच के लिए दोबारा बाड़े में लाया जा सकता है।

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