छत्तीसगढ़रायपुर जिला

रायपुर  : दिव्यांगों का यह प्रयास, पूरी होंगी उनकी आस

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

रीपा से आत्मनिर्भर बनने की शुरू हुई कवायद
मशरूम के व्यवसाय से जुड़ी 12 में से 10 सदस्य है दिव्यांग
यह कहानी है हौसलों की उस उड़ान की, जो उन लोगों द्वारा एक संकल्प और विश्वास के साथ शुरू की गई है, जिन्हें उड़ने की तमन्ना तो है, लेकिन कभी उड़ान भरा नहीं। वे जिंदगी की सफर में ठीक से चल ही नहीं पाये, क्योंकि उन्हें अब तक ऐसा कोई मिला नहीं, जो उन्हें यह बता सकें कि कुछ पाने के लिए कुछ करना पड़ता है और मंजिल पर पहुंचने के लिए आगे बढ़ना भी पड़ता है। अब जबकि उन्हें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गौठानों में प्रारंभ किये गये ग्रामीण औद्योगिक पार्क रीपा से मदद तथा जांजगीर-चाम्पा जिले के कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी से प्रेरणा मिल गई है तो इनके अपने मंजिल पर पहुंचने का सफर भी धीमी चाल से शुरू हो गया है, और संभव है कि इस सफर की रफ्तार बढ़ेगी, कई ख्वाहिशें पूरी होंगी।

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जांजगीर-चाम्पा जिले के ग्राम पेण्ड्री के गौठान में ग्रामीण औद्योगिक पार्क के माध्यम से विभिन्न आजीविका गतिविधियों की शुरूवात हो गई है। कलेक्टर चौधरी ने जहां इन रीपा कार्यक्रमों में ग्रामीण बेरोजगारों को प्राथमिकता से आयमूलक गतिविधियों से जोड़ने की पहल की है, वहीं गौठानों के आसपास संचालित स्व-सहायता समूह के सदस्यों को भी रोजगार से जोड़ते हुए आगे बढ़ाने की कोशिश की है। जिला प्रशासन की इन्हीं प्रयासों के बदौलत पेण्ड्री के गौठान में जय मां दुर्गा स्व-सहायता समूह के रूप में 12 ऐसी महिलाएं और पुरूष भी है, जिनमें से 10 सदस्य शारीरिक रूप से दिव्यांग है और मशरूम की खेती अपनाकर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इन्हें खुशी है कि जिला प्रशासन ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौठान में मशरूम के व्यवसाय से जोड़ा और शेड़ बनाकर देने के साथ उत्पादन को बढ़ाने में आर्थिक सहयोग की। कुछ दिन पहले  समूह के कार्यों को देखकर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने इनके प्रयासों को सराहा और सफलता की राह में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।  कलेक्टर चौधरी ने भी दिव्यांग महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि आप अपने आपको दिव्यांग न समझिए, कुछ लोग शारिरिक रूप से ठीक होकर भी कुछ प्रयास नहीं करते, लेकिन आप सभी ने आत्मनिर्भर बनने जो हौसला दिखाया है वह काबिल ए तारीफ  है।

वैशाखी नहीं, हमारे प्रयासों को देखिये… 

       समूह में अधिकांश सदस्य किसी न किसी रूप में शारीरिक रूप से प्रभावित है। ग्राम पेण्ड्री की रहने वाली इन महिलाओं में अध्यक्ष तिरूपति कश्यप बचपन से दोनों पैरों से दिव्यांग है और वैशाखी कैलिपर सपोर्ट से चलती है। सचिव रनिया कश्यप एक पैर से दिव्यांग है। अन्य सदस्य श्यामकली कश्यप, उर्मिला कश्यप, आनंद राम, जय प्रकाश, गीता कश्यप, कृष्ण कुमार, रामकृष्ण, बिंदु बाई है, जिसमें से कुछ सदस्य पैर से तो कुछ आंख या अन्य रूप से दिव्यांग है। समूह की अध्यक्ष तिरूपति कश्यप कहती है कि हमारी पूरी कोशिश है कि हम शासन और जिला प्रशासन की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे तथा मशरूम का उत्पादन कर आगे बढ़ेंगे। वह बताती है कि पहले वे सभी बेरोजगार थीं और घर पर आश्रित थीं। अब उन्हें आर्थिक सहयोग जिला प्रशासन के माध्यम से मिला है। मशरूम की खेती से आमदनी बढ़ने पर ऋण की राशि लौटायेंगी। अध्यक्ष तिरूमति कश्यप ने यह भी बताया कि दो कमरों में लगभग 19 सौ बैग मशरूम लगाई है। बाजार में लगभग 150 रूपये किलों में बेचना तय हुआ है। एक बैग से एक माह में 3 किलो मशरूम का उत्पादन होता है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक वे गौठान परिसर में आकर अपने कामकाज में व्यस्त हो जाती है। दिव्यांग होने से चुनौती और व्यवसाय में बाधा आने के सवाल पर वह मुखर होते हुए कहती है कि हमारे साथ वैसे तो दो सहयोगी भी है, जो दिव्यांग नहीं है, लेकिन आप हमारे प्रयासों को देखिये, वैशाखी को नहीं…।

RO.No.- 12697 54

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker