बिना मीटर रीडिंग नोट किये ही अनुमानित बिजली बिल भेज रहा विधुत मंडल – शिकायत.
O कोरोना संक्रमण का बहाना बनाकर कर्मचारी नही जाते रीडिंग लेने.
O बढ़े हुए बिल बढ़ा सकते हैं उपभोक्ताओं की परेशानी.
O बिल में सुधार कराने उपभोक्ताओं को दफ्तर के काटने पड़ सकते हैं चक्कर.
हिन्दू युवा मंच जिला इकाई ने छत्तीसगढ़ राज्य विधुत मंडल द्वारा बिना मीटर रीडिंग के ही बिजली बिल भेजने की शिकायत आज कलेक्टर श्री तारण प्रकाश सिन्हा से की है। शिकायत में कहा कि, कोरोना संक्रमण का बहाना बनाकर मीटर रीडिंग करने वाले कर्मचारी घरों पर दस्तक नही दे रहें हैं ऐसे में बिजली बिल ज्यादा आने की संभावना बनी हुई है।उपभोक्ताओं को थमाए जा रहे अनुमानित बिल आगे चलकर सिर दर्द बनेंगे और बिल ज्यादा आने पर बिल सही कराने विधुत मंडल के चक्कर काटने उपभोक्ताओं को विवश होना पड़ेगा।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए हिन्दू युवा मंच के जिलाध्यक्ष किशोर माहेश्वरी और शहर संयोजक संतोष विश्वकर्मा ने बताया कि, विधुत मंडल के द्वारा शहर में बिना मीटर रीडिंग किये ही बिजली बिल भेजें जा रहे हैं। जब शहर में यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों में इसका हाल और बुरा होने की पूरी संभावना है। उपभोक्ताओं को अनुमानित बिजली बिल भेजने से बिजली के बिल को लेकर पेशोपेश की स्थिति बनी हुई है। बिना मीटर रीडिंग किये ही अनुमानित बिल भेजने से कहीं कहीं अनाप शनाप बिल आने की शिकायत भी लगातार मिल रही है। शहर के एक बड़े क्षेत्र में तो न ही मीटर रीडिंग हो रही है और न ही बिजली बिल की पर्ची देने ही कोई घर पहुँच रहा है। कुछ ऐसे क्षेत्र जहाँ के उपभोक्ताओं को स्पॉट बिलिंग की सुविधा है वहाँ पर रीडिंग लेने कोई आ रहा है और बिना रीडिंग के ही अनुमानित बिजली बिल उनके मोबाईल फोन पर मैसेज के माध्यम से भेजी जा रही है।कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। यह बात किसी से न तो छिपी है और न ही इस बात से कोई अंजान है। जब सारे शासकीय, गैर शासकीय विभाग, आयोग और मंडल के अधिकारी, कर्मचारी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं और सभी के विभाग खुले हैं। शासन ने फिलहाल उपरोक्त विभागों को बँद करने की अभी तक कोई अधिसूचना जारी भी नही की है ऐसे में सिर्फ बिजली विभाग के कर्मचारी इतनी कोताही क्यों बरत रहे हैं। जब शासन का आदेश आएगा तो सभी के लिए आएगा। अधिसूचना जब जारी होगी तो सभी विभागों के लिए समान रूप से जारी होगी। कोरोना संक्रमण का बहाना बनाकर एकमात्र विधुत मंडल अपनी छुट्टियाँ मना रहा है। बिना मीटर रीडिंग के ही अनुमान के आधार पर बिजली भेज देना कहीं से भी न्यायसंगत नही है। बिजली ज्यादा आने पर उपभोक्ताओं को बिजली विभाग कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ेगा, उस पर भी उनकी कोई सुनवाई हो पाएगी या नही इस पर भी संदेह है। इतना ही नही कोरोना संक्रमण का बहाना बनाकर आम उपभोक्ताओं के लिए अपनी फरियाद करने के दरवाजे भी अधिकारियों ने अगर बँद कर रखे हों तो ऐसी स्थिति में उपभोक्ता फिर अपनी फरियाद को लेकर कहाँ जाएगा। इस प्रकार से तो उपभोक्ताओं के कीमती समय की अनावश्यक बर्बादी तो होगी, दफ्तर के चक्कर लगा लगाकर नाहक ही उन्हें परेशान भी होना पड़ेगा।