विवाद के बाद पांच आरोपियों ने तालाब किनारे ले जाकर युवक को चाकू से गोदा

स्वतंत्रता दिवस की रात करीब 9 बजे मठपारा में हत्या हो गई। मोहर्रम के पहले निकलने वाले मन्नती शेरों के जुलूस के दौरान धक्का लगने से शुरू हुआ विवाद बढ़ता गया और कुछ ही मिनट में युवक की दर्दनाक हत्या कर दी गई। पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी शकील कुरैशी सहित उसके चार साथियों को गिरफ्तार कर लिया है।
कोतवाली पुलिस ने बताया कि मठपारा में रहने वाला प्रवीण यादव (32) अपनी 2 साल की भतीजी को मन्नती शेर दिखाने ले गया था। इसी दौरान कसाई पारा का रहने वाला शकील कुरैशी भी मौके पर पहुंचा। जुलूस देखने के दौरान ही प्रवीण के पैर से शकील को धक्का लग गया, इसी बात पर शकील गाली गलौज करने लगा। आसपास के लोगों ने विवाद शांत कराया। लेकिन कुछ ही देर बाद शकील अपने चार सहयोगियों के साथ मिलकर मौके पर दोबारा पहुंचा और प्रवीण से मारपीट करते हुए उसे तालाब किनारे ले गए। यहीं पर शकील कुरैशी (24) ने सोहेल कुरैशी (22), नावेद कुरैशी (26), अभिषेक साकुरे (24) और एक नाबालिग के साथ मिलकर प्रवीण की चाकू व तलवार से गोदकर हत्या कर दी। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
हाॅस्पिटल में इलाज के दौरान तोड़ दिया दम
घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस की टीम मठपारा पहुंची। तब आसपास के लोग प्रवीण को लेकर एक निजी क्लीनिक में पहुंचे। जहां से उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज हास्पिटल पहुंचाया गया। लेकिन हास्पिटल में इलाज के दौरान प्रवीण ने दम तोड़ दिया। उसके पेट और पीठ पर तलवार और चाकुओं से गंभीर चोट पहुंची थी।
रातभर चला धरपकड़ अभियान, पांच हिरासत में
प्रवीण की मौत की खबर फैलते ही आक्रोश बढ़ गया। घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी फरार हो गए। लेकिन तब तक सभी की पहचान हो चुकी थी। कोतवाली पुलिस की टीम ने पूरी रात शहर में धरपकड़ अभियान चलाया। जिसमें हत्या के मुख्य आरोपी शकील कुरैशी सहित उसके चारों सहयोगियों को भी हिरासत में लिया गया है। सभी आरोपी शहर के कसाई पारा के ही रहने वाले हैं।
रोज चाकूबाजी की घटना, पुलिस निष्क्रिय
शहर में चाकूबाजी की यह पहली घटना नहीं हैं। बीते डेढ़ माह में 25 से अधिक चाकूबाजी और खुलेआम चाकू लहराने के मामले सामने आ चुके हैं। छोटी-छोटी विवादों पर शहर में चाकूबाजी हो रही है। पुलिस ऐसे गुंडे बदमाशों पर नकेल कसने में कमजोर साबित हो रही है। इसकी बड़ी वजह शहर में नाइट पेट्रोलिंग से लेकर बदमाशों के भीतर से पुलिस का डर खत्म हो जाना है। शहर में बढ़ती वारदातों के बाद भी पुलिस सख्ती नहीं दिखा रही है।