छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

बस ऑपरेटरों ने निकाली बसों की बारात रैली

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यात्री किराया बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापनराजनांदगांव।  पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दामों के बाद विगत 6 माह से यात्री किराया बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर बस ऑपरेटर संघ द्वारा जारी चरणबद्ध आंदोलन अब धीरे&धीरे आग की तरह सुलगता जा रहा है। लगातार पत्र व्यवहार के बाद भी उनकी मांगे पूरी नहीं हो पाई है। अब बस मालिकों के सामने बसों के पहिये थामने व जल समाधि ही आखिरी विकल्प दिखाई दे रहा है। चरणबद्ध आंदोलन के तहत आज बस ऑपरेटर संघ ने बसों की बारात रैली निकालकर कलेक्ट्रारेट पहुंचे, जहां विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण करने की मांग की है। बस रैली में लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक बस मालिक शामिल हुए। हालांकि संघ ने 50 बसों की मांग की थी, लेकिन कम बसों की अनुमति मिलने पर लगभग 20 बसे ही रैली में शामिल हुई।    छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं जिला बस मिनी बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष रईश अहमद शकील ने बताया कि चरणबद्ध आंदोलन के तहत आज यात्री किराया बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर जिले के बस ऑपरेटर बसों की बारात रैली निकालकर कलेक्टोरेट पहुंचे। जहां कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं का निराकरण करने की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि यह आंदोलन प्रदेश भर में चल रहा है। अगर समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया तो पूरे छत्तीसगढ़ में बसों के पहिये अनिश्चितकाल के लिए थम जाएंगे और प्रदेश के सभी बस मालिक खारून नदी में जल समाधि लेंगे। रईश अहमद शकील ने आगे बताया कि पेट्रोल व डीजल के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है। साथ ही चेसिस, टॉयर सहित पार्ट्स के सामान भी काफी महंगे हो चुके हैं। ऐसे में बसों का संचालन करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना कॉल में पहले से ही बस मालिकों की हालत खराब हो चुकी है। कई बसों का संचालन अभी भी नहीं हो पा रहा है। कोरोना कॉल में खड़ी बसों के कारण बस चालक, परिचालक, हेल्फर, मुंशी आदि सभी बेरोजगार हो गए हैं। सभी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। उनके सामने परिवार का पालन-पोषण सबसे बड़ी समस्या है। रईश अहमद शकील ने राज्य सरकार से यह भी मांग की है कि यात्री किराया को लेकर एक स्थायी नीति बनाई जाए। जब डीजल के दाम बढ़े तो किराया बढ़ाये और डीजल के दाम कम होने पर किराया कम किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ से सटे कुछ राज्यों में यात्री किराया बढ़ाया जा रहा है, तो फिर भी यहां क्यंू नहीं। केन्द्र सरकार को भी चााहिए कि वे पेट्रोल व  डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी न करें। इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है।  इस दौरान प्रमुख रूप से रईश अहमद शकील, आशीष पाण्डे, अशोक जैन, भावेश अग्रवाल, अहमद सोलंकी, विनीत लूनिया, ललित लोधी, प्रकाश राठौर, बॉपी गरचा, जसविन्दर सिंह बल, अमित शर्मा, हनीफ सोलंकी, मनीष यादव, कदीर सोलंकी, मंगतू यादव, नब्बू सोलंकी, सैनुद्दीन सोलंकी व हफीज वारशी सहित सभी बस मालिक उपस्थित थे।

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