छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

महापौर जी, सोनिया और राहुल गांधी दिल्ली में रहते है,अपने क्षेत्रों में नही-रविन्द्र सिंह

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राजनांदगांव । शीशे के घरों मे रह कर ,दूसरों के घर मे पत्थर फेंकने वाले स्वयं भी धराशाही हो जाते है ,यह बात महापौर को समझ लेना चाहिए।
राजनांदगांव के विधायक डॉ रमन सिंह के रायपुर में रहने वाले बयान पर प्रत्युत्तर देते हुए जिला भाजपा के प्रवक्ता रविन्द्र सिंह ने महापौर हेमा देशमुख से प्रतिप्रश्न किया कि क्या उन्हें पता है कि उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली से 650 किलोमीटर और  साँसद राहुल गांधी अपने    वायनाड से 2500 किलोमीटर दूर अपने संसदीय क्षेत्र को छोड़ कर दिल्ली में रहते है,वे उन्हें क्यों नही कहती की दिल्ली में वे लोग क्यों रहते है और इतनी दूर दिल्ली में रहकर अपने क्षेत्र की जनता की सेवा कैसे करेंगे? यदि दूरियां और निवास जनता के लिए सुलभता का मापदंड है महापौर जी तो इतना जान लीजिए कि राजनांदगांव से रायपुर की दूरी मात्र 70 किमी की है और डेढ़ घण्टे में  आसानी से पहुंचा जा सकता है,अब आप ही  तय कर लीजिए कि कौन जनता की सेवा कितनी त्वरित गति से और कितनी आसानी से कर सकता है, महापौर होने के नाते इतनी सामान्य सी समझ तो आपको होगी ही।प्रवक्ता सिंह ने कहा कि ढाई साल में राजनांदगांव में कांग्रेस ने क्या कार्य किया है ,वही बता दे फिर डॉ रमन सिंह जी के द्वारा राजनांदगांव में कराए गए विकास कार्य पर प्रश्न उठाए, सबसे बड़ी बात तो ये है कि वे सरकार के  शेष बचे हुए ढाई साल  और अपने कार्यकाल के तीन वर्ष में ही  आपके कथनानुसार डॉ रमन सिंह जी के द्वारा कराए गए  तथाकथित शेष कार्य को  वे पूर्ण करा दे तो  वही उनकी और कांग्रेस की सरकार की उपलब्धि होगी ,नही तो ढाई वर्ष पश्चात कांग्रेस की झूठी और जनता से छलकपट करने वाली सरकार का पतन होगा तो स्वयं सत्ता में आ कर डॉ साहब ही उन कार्यों को कराएंगे,यह भी तय है,आपको चिंता करने की आवश्यकता नही है,क्योंकि राजनांदगांव को जिस तरह से आपके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी और प्रभारी मंत्री मो.अकबर जी ने अनाथ छोड़ दिया है , उनसे तो कोई उम्मीद ही नही की जा सकती है । 

प्रवक्ता सिंह ने कहा कि देश मे यदि कोरोना के टीके को मात्र एक साल में ही  सफलतापूर्वक लाया जा सका है तो वो  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की इच्छाशक्ति और उनके बेहतरीन नेतृत्व के कारण सम्भव हो सका है, इसके विपरीत पूरे छत्तीसगढ़ ने देखा है कि किस तरह पूरे छतीसगढ़ को कोरोना संक्रमणित करने का कार्य किसी ने किया  है तो वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया  है, जिनकी   जिद और गलत नीतियों ने  गलत समय मे  क्रिकेट मैच का आयोजन करवाया और टीकाकरण में सिवाय राजनीति के अलावा कुछ नही किया और ना ही कुछ कर रहे है ,पहले तो केंद्र से भेजे गए टीके को वापस करवा दिया उसके बाद टीका पर भ्रम फैलाया और  इनसे भी जी नही भरा तो टीकाकरण में राजनीतिक दांव पेंच फंसाने का प्रयास किया,वो तो धन्यवाद है माननीय  उच्च न्यायालय का,जिसने जमकर लताड़ लगाई और टीकाकरण को सबके लिए उपलब्ध करवाया ,अभी तक छत्तीसगढ़ की सरकार ने 50 लाख टीके का भुगतान तक नही किया है केवल मांगा बस है, इसलिए कोरोना पर प्रधानमंत्री जी को,महापौर दोष देना बंद करे यदि नरेंद्र मोदी जी बंगाल में चुनावी रैली कर रहे थे तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ को कोरोना के हवाले करके आसाम में नाच गा भी रहे थे और आसाम के लोगों को बस्तर में दारू मुर्गा खिलाकर उनकी आवभगत भी कर रहे थे,क्या यही छत्तीसगढ़ की संस्कृति है,महापौर जवाब दे।

 इसी तरह , यदि महापौर जी बीएनसी मिल्स के बारे में जरा तथ्यों को पढ़ लेती तो उन्हें ज्ञात हो जाता कि डॉ रमन सिंह ने नही बल्कि डॉ मनमोहन सिंह की बीएफआईआर पॉलिसी ने बीएनसी मिल्स को बंद कराया था,इतना ही नही कांग्रेस ने उस समय देश में एनटीपीसी  की 77 मिलों को बंद करवाया था  , जिसमे तात्कालीन मध्यप्रदेश की कुल 5 कपड़ा मिल को बंद किया गया था इसमे  राजनांदगांव की बीएनसी मिल  और इंदौर की  तीन मिल्स इंदौर मालवा यूनाइटेड मिल्स,कल्याण मिल्स ,स्वदेशी मिल्स और उज्जैन की हीरा मिल्स थी,जबकि  उस समय राज्य में दिग्विजयसिंह की सरकार थी,और केंद्र में नरसिम्हाराव के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार थी किन्तु ना तो   किसी केंद्रीय मंत्री ने और ना ही औऱ ना ही  तत्कालीन छत्तीसगढ़ सम्मिलित मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बीएनसी मिल्स को बंद करने का कोई विरोध किया था,यह पूरी जानकारी स्व. मोतीलाल वोरा जी के राज्यसभा में पूछे गए प्रश्न क्रमांक 2294  दिनांक  09.12.2009 के जवाब में   तत्कालीन कपड़ा  राज्य मंत्री पनाबाक़ी लक्ष्मी ने लिखित जवाब में दिया,महापौर जी जिला भाजपा कार्यालय से इससे सम्बंधित दस्तावेज प्राप्त करके सच्चाई से अवगत हो सकती है और कांग्रेस की भ्रम  फैलाने की  संस्कृति से बच सकती है क्योंकि जनता अब जागरूक हो गई है और उसे पता चल गया  है कि  कांग्रेस ने  ही बीएनसी मिल्स को बंद कराया था, डॉ रमन सिंह जब केंद्रीय उधोग मंत्री थे तब तक बी एन सी मिल्स की बन्द करने की पूरी प्रक्रिया को कांग्रेस ने सम्पन्न कर दिया था, झूठ और भ्रम फैला कर वे इस सच्चाई को  बदल नही सकती है।
श्री सिंह ने कहा कि डॉ रमन सिंह राजनांदगांव की जनता से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए है,निरन्तर उनका क्षेत्र की जनता से संवाद कायम है,हर अवसर पर जनता के सुख दुख में  खड़े रहते है,प्रभारी मंत्री की तरह वे लापतागंज के निवासी नही है और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी का भी बखूबी निर्वहन कर रहे है,महापौर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी से उन्हें अवगत ना ही कराए तो ज्यादा अच्छा है,बल्कि उत्तरप्रदेश में योगी सरकार  को  शराब बेचने के सम्बंध में डॉ रमन सिंह को सलाह दिलवाने के बजाए अपने मुख्यमंत्री को सलाह दे तो हो सकता है कि मुख्यमंत्री जी को सद्बुद्धि मिल जाये अन्यथा पवित्र गंगा जल को हाथ मे ले कर छत्तीसगढ़ की जनता ने उन्हें झूठे शपथ लेते हुए देखा था कि पूर्ण शराबबंदी करेंगे करके,उल्टे आज ऑनलाइन शराब बेच रहे है ,महापौर जी बताए कि क्या छत्तीसगढ़ सरकार की ऑनलाइन शराब बेचने को राहुल गांधी का समर्थन प्राप्त है और क्या एक महिला होकर इस आपदाकाल मे  इस सरकार की ऑनलाइन शराब बेचने को वे जायज ठहरा रही है, इसका भी जवाब महापौर को देना चाहिए,अन्यथा भाजपा सड़क पर उतर कर इस तरह की घटिया और सस्ते बयानबाजी का विरोध करेगी।

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