
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का कहना है कि सरकार की नीतियों के चलते देश को ऐसे हालात में ढकेल दिया गया है, जिसको अब मेडिकल इमरजेंसी के तौर पर ट्रीट किए जाने की जरूरत है। अब गांव के गांव संक्रमित हो रहे हैं और सरकार है कि वह मरीजों को दवाएं, अस्पताल बेड, ऑक्सीजन और इंजेक्शन तक उपलब्ध नहीं करा पा रही है। इस महामारी के दौर में केंद्र सरकार राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार नहीं कर सकती है। ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर देश को युद्ध क्षेत्र के तौर पर नहीं तब्दील किया जा सकता है।
एजेंसी से बातचीत में सचिन पायलट ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस महामारी के दौर में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और उस बैठक में मिलने वाले फीडबैक और इनपुट से लोगों की जान बचाई जाए। सचिन पायलट ने कहा केंद्र सरकार को ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन और वेंटिलेटर समेत अन्य जरूरी जीवन रक्षक दवाओं के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर कुछ फार्मूला और पैरामीटर सेट किए जाएं। जिससे पारदर्शी तरीके से उनका डिस्ट्रीब्यूशन हो सके और राज्य अपने स्तर पर मरीजों का इलाज करके उनकी जान बचा सके।