गोधन न्याय योजना में फर्जीवाड़ा, पंचायत सचिव निलंबित
राजनांदगांव । गोधन न्याय योजना यानी गोबर खरीदी में फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसने गोबर बेचा ही नहीं, उसे 41 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया। जिस महिला को फर्जी तरीके से भुगतान किया गया, उसका पति गोठान संचालन समिति का अध्यक्ष है। शिकायत जांच में पुष्टि के बाद ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही फर्जी भुगतान की राशि की वसूली की तैयारी की जा रही है।जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजीत वसंत ने ग्राम पंचायत प्रकाशपुर के सचिव बसंत लाल साहू को पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में स्वेच्छाचारिता व घोर लापरवाही बरतने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जनपद पंचायत कार्यालय खैरागढ़ निर्धारित किया गया है।सीईओ की जांच में हुआ पर्दाफाशः बताया गया कि गौठान समिति के अध्यक्ष राम साहू एवं ग्राम पंचायत सचिव बसंत लाल साहू द्वारा व्यक्तिगत तौर पर शांति बाई साहू (पति राम साहू) के नाम पर गोधन न्याय योजना के तहत फर्जी राशि भुगतान किए जाने की शिकायत ग्रामवासियों द्वारा की गई थी। उक्त शिकायत की जांच की गई।
जांचकर्ता जनपद सीईओ खैरागढ़ से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार ग्राम पंचायत सचिव द्वारा बिना गोबर क्रय किए बिना ही शांति बाई के खाते में 41 हजार 234 रूपए का भुगतान किया गया है, जो गोधन न्याय योजना के प्रावधान के विरूद्ध है।राशि की वसूली की जाएगीबताया गया कि गोठान समिति के अध्यक्ष की पत्नी शांति बाई साहू के खाते में गोबर खरीदी के नाम पर फर्जी तरीके से भुगतान की गई राशि की वसूली की जाएगी। गोधन न्याय योजना के तहत शांति बाई के खाते में फर्जी तरीके से राशि का भुगतान किए जाने में ग्राम पंचायत सचिव की भूमिका पाई गई। हालांकि फर्जीवाड़े में अध्यक्ष की भूमिका को प्रशासन ने सार्वजनिक नहीं किया है।