मध्य प्रदेश

भगवान श्रीराम और पांडवों की जीत का आधार उनके जीवन मूल्य ही थे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारत का अतीत गौरवशाली रहा है और भारत प्राचीनकाल से ही वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा का मुख्य केन्द्र रहा। कई देशों के विद्यार्थियों, राजकुमारों ने तक्षशिला, नालंदा जैसे भारत के विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण की। लेकिन ऐतिहासकि रूप से हमें ऐसा कोई उल्लेख प्राप्त नहीं होता, जिसमें भारत में शिक्षा ग्रहण किए किसी व्यक्ति अथवा सत्ताधीश ने अन्य राज्य पर आक्रमण किया हो। यह तथ्य प्राचीन काल से चली आ रही हमारी शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ जीवन मूल्यों और नैतिक मूल्यों को दर्शाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को होटल ताज में एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज ऑफ एशिया एंड द पैसिफिक के 17वें सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

अतीत से वर्तमान की कई घटनाएं जीवन मूल्यों के प्रति दृष्टिकोण की भिन्नता के कारण हुई

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि "उच्च शिक्षा का बदलता स्वरूप और हमारे जीवन मूल्य" विषय पर आयोजित यह सम्मेलन सम-सामयिक महत्व का है। अतीत से लेकर वर्तमान तक की कई घटनाएं जीवन मूल्यों के प्रति दृष्टिकोण की भिन्नता के परिणाम स्वरूप ही घटित हुईं। रामायण काल में रावण हो या महाभारत काल में कौरव, योग्यता और क्षमता में कोई भी कम नहीं था, लेकिन उनके जीवन मूल्य और नैतिक मूल्य उचित नहीं थे, इसी कारण उन्हें कभी सम्मान नहीं मिला और वे समाज में तथा इतिहास में सदैव नकारे गए। कर्ण की योग्यता अद्भुत थी, लेकिन उनकी दृष्टि, प्रतिशोध, जिद और नकारात्मक भाव ने उन्हें पतन की ओर अग्रसर किया। इसी प्रकार के उदाहरण हमें सोने की लंका बनाने वाले रावण के भी प्राप्त होते हैं। सभी प्रकार के वैभव और सामर्थ्य होने के बाद भी वे कभी स्वीकारे नहीं गए और नैतिक मूल्यों के आधार पर ही वनवासी श्रीराम ने उन्हें परास्त किया। अर्थात् यह नैतिक मूल्यों और जीवन मूल्यों की ही विजय थी।

नई शिक्षा नीति के माध्यम से लागू किए जा रहे हैं कई नवाचार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल के संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे आदर्शों और जीवन मूल्यों का ही परिणाम है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इन संघर्षों में भी शांति के लिए प्रयास करते दिखाई देते हैं। यह भारतीय जीवन मूल्यों के सामर्थ्य को दर्शाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2020 से लागू नई शिक्षा नीति के माध्यम से पढ़ने और सीखने की प्रक्रिया को अधिक लचीला, सरल और रूचिपूर्ण बनाते हुए विद्यिार्थियों को विभिन्न संकायों के विषयों के अध्ययन की सुविधा प्रदान की गई है। अध्ययन प्रक्रिया को आयु के बंधन से मुक्त करते हुए क्रेडिट प्रदान करने जैसे नवाचार भी प्रदेश में किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज ऑफ एशिया एंड द पैसिफिक को मध्यप्रदेश में अपनी गतिविधियों के विस्तार के लिए आमंत्रित किया।

वैश्विक स्तर की शिक्षा देश में ही उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध
जागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री हरिमोहन गुप्ता ने बताया कि 35 देशों में फैले एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज ऑफ एशिया एंड द पैसिफिक का सम्मेलन भारत में पहली बार हो रहा है। एसोसिएशन मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा और कौशल विकास पर केन्द्रित वैश्विक संस्थाओं की स्थापना कर विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर की शिक्षा देश में ही उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन, शिक्षाविद श्री अनूप स्वरूप और विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि तथा विषय-विशेषज्ञ उपस्थित थे।

 

RO.No.- 12697 54

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker