राजनांदगाव: कोरोना पॉजिटिव एक युवती की मौत, प्लाटून कमांडर ने भी खोई जान
राजनांदगांव जिले में कोरोना से मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले दो महीने के भीतर समूचे जिले में कोरोना ने आतंक मचा रखा है। सिलसिलेवार संक्रमित मरीजों की तादाद के साथ ही इस बीमारी से मौतें भी हो रही है। गुरुवार को राजनांदगांव स्थित 8वीं बटालियन के प्लाटून कमांडर व छुईखदान की एक युवती की कोविड-19 अस्पताल में मौत हो गई।
राजनांदगांव. कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों के देखभाल में लापरवाही के चलते एक कोरोना संक्रमित युवती की मौत हो गई है। युवती को बुधवार शाम पेट में तकलीफ होने के बाद आईसीयू में शिफ्ट किया गया था लेकिन गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई। पता चला है कि युवती की तकलीफ पर किसी तरह का ध्यान नहीं देने के बाद अन्य कोरोना मरीजों के हंगामे के बाद उसे आईसीयू में भर्ती किया गया था। कोरोना संक्रमण से राजनांदगांव जिले में यह नौवीं मौत है।
छुईखदान क्षेत्र के खुटेलीखुर्द निवासी एक 21 वर्षीय युवती की कोरोना के इलाज के दौरान यहां मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हुई है। इस मामले में अस्पताल के चिकित्सकों और स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। खुटेलीखुर्द की युवती को 13 अगस्त को आरटीपीसीआर टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। इसके बाद उसे राजनांदगांव के पेंड्री स्थित स्व. अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति मेडिकल कालेज अस्पताल के फिमेल कोविड यूनिट में भर्ती किया गया था। बुधवार शाम उसकी तबियत बिगडी़ और इसके बाद उसे आसपास भर्ती मरीजों के हंगामे के बाद आईसीयू में शिफ्ट किया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो पीड़िता की मौत कोरोना से नही बल्कि पेट दर्द की तकलीफ के कारण उचित समय पर उचित उपचार नही मिलने के कारण युवती की मौत हुई । युवती की मौत को लेकर मेडिकल कालेज अस्पताल की डीन डॉ. रेनुका गहिने का कहना है कि कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद भर्ती युवती का पूरी गंभीरतापूर्वक इलाज चल रहा था। उसके पेट में तकलीफ थी और उसे आईसीयू में भर्ती करने के प्रयास हो रहे थे पर वह वहां नहीं जाना चाह रही थी। आज सुबह उसकी मौत हो गई।
प्लाटून कमांडर रविन्द्र सिंह रावत कैंसर से भी पीडि़त थे। 50 वर्षीय प्लाटून कमांडर का राजधानी रायपुर के एम्स में कोरोना जांच पॉजिटिव आया था। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। वह मूल रूप से उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाले हैं। बटालियन के डी.कंपनी के साथ वह रायगढ़ में तैनात थे। पिछले दो माह से तबियत में उतार-चढ़ाव आने के बाद वह बटालियन के मुख्यालय में लौट आए थे।