टंगिये से मां की गर्दन काटी और ड्रम में डाल दी लाश, पुलिस से बोला: मैंने कब मार डाला पता नहीं
रायगढ़ – बरमकेला के सांडा गांव में एक युवक ने अपनी मां की हत्या कर दी और ड्रम में डालकर भाग गया। सोमवार को जब आरोपी की बहन राखी बांधने घर आई तो ड्रम में मां की लाश देखी तब घटना का खुलासा हुआ। पुलिस ने देर शाम आरोपी को पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने पूजा-साधना के दौरान कब मां की हत्या कर दी उसे पता नहीं। पुलिस तंत्र विद्या में बलि देने के एंगल से जांच कर रही है हालांकि अफसरों ने बलि से इनकार किया है। मृतका की बेटी रामबाई ने बताया कि वह सोमवार को अपनी ससुराल भीखमपुर से भाई मिट्ठू बेहरा को राखी बांधने के लिए आई थी। जब वह घर पहुंची तो घर का दरवाजा खुला था। घर पर न तो मां सुखमती बाई (55) थी और ना ही भाई। देर तक वह घर के दरवाजे पर बैठे इंतजार करती रही। वह अंदर घुसी तो कमरे से बदबू आ रही थी।
अनहोनी के शक पर उसने पड़ोसियों को बुला लिया। लोगों ने इधर-उधर देखा तो नीले रंग के प्लास्टिक ड्रम में सुखमती का शव पड़ा मिला। शव देखते ही चीख-पुकार मच गई। थाना प्रभारी ने बताया कि सूचना पर गांव पहुंच शव को कब्जे में लेकर पाेस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। घटना के बाद से मृतक का बेटा मिट्ठू घर पर नहीं था। रात में ही पुलिस ने उसकी तलाश की तो वह गांव के बाहर सुनसान स्थान पर बैठा मिला। पूछताछ में उसने मां की हत्या कर शव ड़्रम में छिपाए जाने की बात कही है। आरोपी पुत्र के खिलाफ धारा 302, 201 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज हिरासत में लिया गया है।
थाने के सहायक उप निरीक्षक विजय गोपाल ने बताया कि छानबीन के दौरान जिस कमरे से महिला का शव बरामद हुआ है। उससे कुछ दूर पर एक पुराना कमरा था। जिसमें काफी देवी देवताओं की मूर्तियां व पोस्टर लगे थे। इसी कमरे में मिट्ठू ने तंत्र विद्या को लेकर पूजा की। देवी प्रतिमा के पास दो मुर्गे भी मिले हैं जिनकी भी बलि दी गई है। पुलिस अब इस बात का पता लगा रही है कि पूजा-पाठ में मिट्ठू अकेला था या उसके साथ कोई और भी था।
मां-बेटे अपने काम से मतलब रखते थे उन्हें किसी से ज्यादा मतलब नहीं था। मिट्ठू पूजापाठ में ज्यादा रुचि रखता था इसलिए वह बात भी कम करता था लेकिन वह घर पर तंत्र विद्या सीख रहा है या फिर उसके घर पर कोई और भी आता था इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है।
पुलिस हिरासत में आए हत्याराेपी बेटे ने पुलिस काे बताया कि 1/2अगस्त की रात वह शाम से पूजा कर रहा था। मां ने पूजा पाठ को लेकर रोकटोक की। उसने मां सुखमती को ऐसा नहीं करने और चले जाने के लिए कहा। मिट्ठू ने बताया कि वह देवी की आराधना में मग्न था। उसने टांगी मार कर कब मां की हत्या कर दी उसे कुछ पता नहीं है। 2 अगस्त की रात 1 बजे के करीब जब उसने मां की गर्दन से खून बहता देखा तो उसके होश उड़े। तब तक सुखमती की मौत हो चुकी थी। दूसरे दिन रक्षा बंधन पर बहन के आने का अंदेशा था इसलिए उसने शव ड्रम में छिपा दिया।
घटना में मां की मौत और आरोपी भाई की गिरफ्तारी के बाद रोते हुए रामबाई ने कहा रक्षाबंधन पर भाई बहन की सुरक्षा का वचन लेता है लेकिन मां की जान लेने वाला उसका भाई उसकी सुरक्षा कैसे करता। रामबाई ने कहा, पता नहीं मां को ऐसे देखना पड़ेगा और राखी के बदले भाई के हाथ पर हथकड़ी डलवानी पड़ेगी।