छत्तीसगढ़

अम्बिकापुर : लोक संस्कृति ही हमारी पहचान हैं : मंत्री भगत

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कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के मुख्य आतिथ्य में सीतापुर में जिला स्तरीय कर्मा महोत्सव का गुरुवार को भव्य समापन हुआ। 2 अक्टूबर से चल रहे इस कर्मा महोत्सव में कर्मा, सुवा और शैला नृत्य विधाओं में कलाकारों ने प्रस्तुतियां दीं और प्रतियोगिता में भाग लिया। कर्मा महोत्सव का समापन सीतापुर स्टेडियम ग्राउंड में हुआ। लोक नृत्यों और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कर्मा महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें कई टीमों ने भाग लिया। कैबिनेट मंत्री  भगत ने विजेता टीमों को पुरस्कार का वितरण किया, साथ ही आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस दौरान मदरसा बोर्ड के उपाध्यक्ष इरफान सिद्दीकी, राज्य उर्दू अकादमी के सदस्य  बदरुद्दीन इराकी, जनपद पंचायत अध्यक्ष मैनपाट  उर्मिला खेस,  आदित्य भगत सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, लोक कलाकार एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने इस अवसर पर कहा कि लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस आयोजन की शुरुवात हुई, सरगुजा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है और यहां की संस्कृति देशभर में प्रसिद्ध हैं। कैबिनेट मंत्री  भगत ने इस अवसर पर कहा कि ऐसे आयोजनों से लोग एक-दूसरे से जुड़ते हैं और लोगो के बीच स्नेह व प्यार बना रहता हैं। यह हमारे प्रदेश की संस्कृति और कलाओं से परिचय कराती है सभी प्रतिभागियों के उत्साह बढ़ाने यह आयोजन किया हैं, ऐसे आयोजन लगातार होते रहे है और आगे भी होते रहेंगे। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की। 

ये रहे विजेता – 

कर्मा नृत्य विधा में मैनपाट का दल प्रथम रहा, द्वितीय स्थान भी डांगबुड़ा, मैनपाट ने हासिल किया, तीसरे स्थान पर सूर, सीतापुर का दल रहा। इसी तरह सुआ में प्रथम ग्राम मांजा, बतौली, द्वितीय काराबेल, मैनपाट और तीसरा स्थान धरमपुर, सीतापुर के दल ने प्राप्त किया। शैला में प्रथम बरगई, अम्बिकापुर, दूसरा स्थान पोपरेंगा, बतौली और तीसरा स्थान नवानगर, अंबिकापुर ने प्राप्त किया।

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