मध्य प्रदेश

बंद कोयला खदान का मोहाड़ा तोड़कर की जा रही अवैध कबाड़ की चोरी

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धनपुरी में हुई दुर्घटना के बावजूद जान से खिलवाड़ कर जारी है बंद कोयला खदान से चोरी

अनूपपुर
शहडोल जिले के धनपुरी बंद कोयला खदान से कबाड़ की चोरी के दौरान एक पखवाड़े पूर्व ही 7 लोगों की जान चली गई थी। इसके बावजूद जिला प्रशासन तथा पुलिस बल इससे कोई सबक लेता नजर नहीं आ रहा है। एसईसीएल हसदेव क्षेत्र अंतर्गत बिजुरी उपक्षेत्र की सोमना बंद भूमिगत कोयला खदान जो कि लगभग 6 वर्षों से कोयला उत्पादन बंद होने के पश्चात प्रबंधन द्वारा इस कोयला खदान को बंद कर दिया गया है। जहां से कबाड़ चोरों के द्वारा खदान का मोहाड़ा तोड़ते हुए यहां लगाए गए लोहे के कलपुर्जे एवं सामग्री को कबाड़ चोर अपना निशाना बना रहे हैं।

हादसे से प्रशासन तथा पुलिस नहीं ले रहा कोई सीख
कोयलांचल क्षेत्र में कबाड़ चोरी का अवैध कारोबार जमकर फल-फूल रहा है। जहां बिजुरी ,कोतमा ,राजनगर,जमुना, भालूमांडा कोयला खदान में कॉलरी के कीमती कल पुर्जों की चोरी करते हुए अनूपपुर स्थित कबाड़ी के ठिकाने तक विक्रय के लिए पहुंचाया जा रहा है। संभाग में कबाड़ चोरी के दौरान 7 लोगों की कोयला खदान में दबकर मौत होने के पश्चात भी पुलिस और प्रशासन इन घटनाओं से कोई सबक नहीं ले रहे हैं। जिस से अनूपपुर जिले के कोयलांचल क्षेत्र में कभी कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है।

खदान का बंद मुहाना तोड़ते हुए हो रही थी कीमती कबाड़ की चोरी
धनपुरी में हुई दुर्घटना के पश्चात एसईसीएल बिजुरी उपक्षेत्र प्रबंधन नींद से जागा और सोमना कोयला खदान का मुहाना तोड़ते हुए की जा रही कबाड़ चोरी पर विराम लगाने के लिए पहले तो प्रबंधन ने बिजुरी पुलिस को इसकी सूचना दी और इसके पश्चात खदान के मोहाडा को बंद कराए जाने की कार्यवाही की जा रही है।

ए सीम कोयला खदान में भी ऐसे ही हालात, मोहाडा में घुसकर डाल रहे जान जोखिम में
एसईसीएल हसदेव क्षेत्र अंतर्गत कुरुजा उपक्षेत्र के ए सीम बंद कोयला खदान में भी ऐसे ही हालात है। जहां बाहर लगे हुए लोहे के ढांचे को कबाड़ चोर पूरी तरह से काट ले गए वही अब उनकी नजर कोयला खदान के बंद मोहाड़ा पर है। जिस को तोड़ने के साथ ही खदान के भीतर स्थित कबाड़ को धीरे धीरे काट रहे हैं।

जहरीली गैस के साथ ही खदान के ढहने का बना रहता है खतरा
एसईसीएल हसदेव क्षेत्र प्रबंधन के द्वारा कोयला उत्खनन के पश्चात इन कोयला खदानों को बंद कर दिया गया है। जहा वर्षों से बंद पड़ी खदान के भीतर जहरीली गैस का रिसाव होने के साथ ही खदान के धसकने का भी खतरा बना रहता है इसके बावजूद कबाड़ चोर अपनी जान जोखिम में डालकर इन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है।

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