शराब की कीमतों में फिर छूट: जानिए कितना मिलेगा डिस्काउंट, आबकारी विभाग ने किया एलान
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फरवरी में सरकार ने दुकानों को डिस्काउंट देने से यह कहते हुए मना कर दिया था कि यह कोविड के नियमों का उल्लंघन है और इससे अस्वस्थ बाजार का चलन बढ़ेगा।
दिल्ली में एक बार फिर से शराब की कीमतों में छूट मिलने वाली है। दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने निजी शराब की दुकानों को एमआरपी पर 25 प्रतिशत तक छूट देने की अनुमति प्रदान कर दी है।
फरवरी में सरकार ने दुकानों को डिस्काउंट देने से यह कहते हुए मना कर दिया था कि यह कोविड के नियमों का उल्लंघन है और इससे अस्वस्थ बाजार का चलन बढ़ेगा। दिल्ली के आबकारी कमिश्नर ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि सरकार शराब के दाम पर 25 प्रतिशत की छूट देने की अनुमति दुकानदारों को प्रदान करती है, हालांकि इसके तहत दिल्ली एक्साइज रूल्स 2020 के नियम 20 का सख्ती से पालन करना होगा।
अगर नियमों का किया उल्लंघन तो लगेगा मोटा फाइन
आबकारी विभाग ने छूट देने की अनुमति देते हुए यह भी निर्देश जारी किया है कि अगर कोई लाइसेंस धारक नियमों के विपरीत जाकर छूट देता पाया गया तो उसे मोटा जुर्माना भरना पड़ सकता है। हालांकि सरकार को पूरा अधिकार होगा कि जनहित में वह यह आदेश कभी भी वापस ले ले।
कई लाइसेंस धारकों द्वारा कोरोना नियमों का उल्लंघन करने और मार्केट प्रतिस्पर्धा की भावना को ठेस पहुंचाने के चलते सरकार ने 28 फरवरी को शराब की कीमतों में मिल रही छूट को खत्म कर दिया था। उस वक्त कई दुकानें ‘एक के साथ एक फ्री’ जैसे ऑफर देने लगी थीं जिससे शराब की दुकानों पर भीड़ बहुत बढ़ गई थी। कई बार पुलिस को इन दुकानों से भीड़ हटाने के लिए बुलाना पड़ा था।
इसके चलते कई दुकानों ने 40 प्रतिशत तक विभिन्न ब्रांडों पर छूट देना शुरू कर दिया था। कई लोग इसका लाभ उठाने के लिए भारी मात्रा में शराब खरीदने लगे थे। यह देखते हुए आबकारी विभाग ने डिस्काउंट को वापस ले लिया था। इस आदेश के खिलाफ कई लाइसेंस धारक दिल्ली हाईकोर्ट भी गए थे।
पहले इस वजह से वापस लिया गया था आदेश
शराब की दुकानों पर छूट देने और ‘एक खरीदो, एक मुफ्त पाओ’ जैसे प्रस्तावों के साथ, फरवरी महीने में राजधानी के कई हिस्सों में शराब की दुकानों पर भारी भीड़ देखी गई थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाए जाने के साथ कुछ कानून-व्यवस्था के मुद्दे भी सामने आए थे।
शराब की दुकानों पर विभिन्न ब्रांडों की शराब की कीमतों में 40 प्रतिशत तक की कमी के परिणामस्वरूप काफी लोगों ने मार्च में चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद योजनाओं को वापस लेने के डर से बड़ी मात्रा में शराब की खरीद और जमाखोरी शुरू कर दी थी।
इसके बाद आबकारी विभाग ने कानून-व्यवस्था की समस्या और स्थानीय लोगों को होने वाली असुविधा का हवाला देते हुए लाइसेंसधारियों द्वारा दी जा रही छूट और योजनाओं को वापस ले लिया था। इस आदेश के खिलाफ कुछ लाइसेंसधारी विक्रेताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आबकारी विभाग ने छूट वापस लेने के कदम का बचाव करते हुए कहा था कि खुदरा विक्रेताओं द्वारा छूट की अनुमति देने के पीछे सरकार की मंशा उपभोक्ता की पसंद और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और बाजार की ताकतों द्वारा मूल्य निर्धारण को बढ़ावा देना था।