रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 492.43 करोड़ रूपए का तृतीय अनुपूरक बजट पारित
तृतीय अनुपूरक में अंशदायी पेंशन योजना में 14 प्रतिशत अंशदान और अमर जवान ज्योति की स्थापना के लिए भी किया गया है राशि का प्रावधान
महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन के लिए राज्य सरकार कर रही है हरसंभव प्रयास: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
गांवों में बेहतर आवागमन के लिए सड़क, पुल-पुलिया निर्माण की 24 हजार करोड़ रूपए की कार्ययोजना पर किया जा रहा तेजी से अमल
रायपुर,छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राज्य सरकार के वित्तीय वर्ष 2021-22 का 492 करोड़ 43 लाख रूपए का तृतीय अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई योजनाओं और कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के गांवों को आवागमन की बेहतर सुविधा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा 24 हजार करोड़ रूपए की लागत से सड़क एवं पुल-पुलिया निर्माण की कार्ययोजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी, तो छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे थे, राज्य सरकार इन लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अनुपूरक बजट में अन्य प्रावधानों के साथ नवीन अंशदायी पेंशन योजना के लिए 14 प्रतिशत अंशदान के लिए राशि का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के समय प्रज्जवलित की गई अमर जवान ज्योति जो बुझा दी गई है, उस अमर जवान ज्योति को प्रज्जवलित करने का फैसला छत्तीसगढ़ ने किया है। इसका शिलान्यास लोकसभा सांसद श्री राहुल गांधी द्वारा किया गया है। इस अनुपूरक बजट में अमर जवान ज्योति की स्थापना के लिए भी प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी माताओं, बहनों और बेटियों को महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन के लिए लगातार कार्य कर रही है। बेटियों के जन्म से लेकर विवाह कार्यक्रम में सहयोग के लिए नई-नई योजना प्रारंभ की गई हैं। राज्य सरकार द्वारा दूसरी पुत्री के जन्म पर 5000 रूपए की आर्थिक सहायता देने के लिए ‘कौशल्या मातृत्व सहायता योजना‘, श्रमिक परिवार की बेटियों के विवाह में सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना’ शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खातों में 20-20 हजार रूपए की सहायता राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ सके, इसके लिए महिला स्व-सहायता समूहों के 12 करोड़ 77 लाख रूपए के ऋण माफ किए गए और महिला स्व-सहायता समूहों को दिए जाने वाले ऋण की सीमा बढ़ाकर दोगुनी कर दी गई है। बालिकाओं को उच्च शिक्षा का लाभ दिलाने के लिए प्रदेश के 25 जिला मुख्यालयों में कन्या महिला महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। इनमें सुकमा, कोण्डागांव, बीजापुर और नारायणपुर जैसे दूरस्थ आदिवासी बहुल जिले में स्थापित करने कन्या महाविद्यालयों का संचालन इसी वर्ष से प्रारंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि गौठानों और विभिन्न आयमूलक योजनाओं में 70 हजार से एक लाख महिलाओं को काम मिला है। राज्य सरकार लगातार इस काम को आगे बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों, मजदूरों और वनाश्रितों के विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है। किसानों के पुराने कृषि ऋण, जलकर माफ किए गए, किसानों को समर्थन मूल्य के अलावा इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है। इन्हें मिलाकर किसानों को धान का प्रति क्विंटल मूल्य 2500 रूपए मिल रहा है। किसान आसानी से खाद, बीज ले सकें, इसके लिए 725 नई सहकारी समितियों का गठन किया गया। इस वर्ष लगभग 98 लाख मीट्रिक टन धान का समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई। नई सहकारी समितियों के गठन के कारण किसानों को भुगतान में कोई परेशानी नहीं आयी। पिछले कई वर्षों से लंबित किसानों के 35 हजार 161 कृषि पंपों के कनेक्शन देने की मंजूरी दी गई। अब तक इनमें से 90 प्रतिशत पम्पों को कनेक्शन दिया जा चुका है, शेष पम्पों को 31 मार्च तक बिजली कनेक्शन देने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी चर्चा प्रधानमंत्री भी करने लगे हैं। गोबर बिक्री से गौपालकों की आय बढ़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भूमिहीन कृषि मजदूर 6 हजार रूपए प्रति वर्ष देने के लिए योजना की शुरूआत की है। इसकी पहली किश्त का भुगतान किया जा चुका है, जिसका लाभ 3 लाख से अधिक भूमिहीन कृषि मजदूरों को मिला है। श्री बघेल ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान पूरे देश की 74 प्रतिशत लघु वनोपज की खरीदी छत्तीसगढ़ में की गई है। केन्द्रीय वन मंत्री ने छत्तीसगढ़ को इसके लिए 11 पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। राज्य सरकार द्वारा लघु वनोपजों में वेल्यु एडीशन का काम भी कराया जा रहा है, जिसमें सर्वाधिक योगदान वनवासी ग्रामीण महिलाओं का है। छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के माध्यम से कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। इसके साथ-साथ वनवासियों की आय में वृद्धि के लिए तेंदूपत्ता की संग्रहण दर 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए कर दी गई है। इसके साथ ही साथ 7 से बढ़ाकर 61 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही हैै। वनवासियों के निरस्त दावों की समीक्षा उन्हें वन अधिकार पत्र वितरित किए जा रहे हैं। प्रदेश में 4 लाख 46 हजार व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों का वितरण किया गया है। वन क्षेत्रों में लोगों को काम मिलने से नक्सल प्रभावित क्षेत्र सिमटता जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगार सिविल इंजीनियरों को काम देने के लिए ई-श्रेणी पंजीयन की व्यवस्था लागू की गई है। जिसमें लगभग 8 हजार स्थानीय युवाओं को विकासखण्ड स्तर पर 225 करोड़ रूपए की कार्य आबंटित किए गए हैं। उन्होंने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ष इस योजना में 18 करोड़ 41 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया। इस अवधि में 7 लाख 88 हजार परिवारों को 100 मानव दिवस का रोजगार दिलाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जहां चिटफंड कम्पनियों में निवेश करने वालों को उनकी गाढ़ी कमाई के पैसे दिलाने की शुरूआत हुई है। 16 चिटफंड कम्पनियों की लगभग 17 करोड़ की सम्पत्ति की नीलामी की जा चुकी है और 15 मामलों में नीलामी की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में 3 नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। दो जिला अस्पताल, 50 उप स्वास्थ्य केन्द्र और 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना और शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के जरिए लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच रही है।