छत्तीसगढ़

खुफिया एजेंसियों की सूचना पक्की 104 से 135 आतंकी इस तरफ घुसपैठ को तैयार

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सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कश्मीर सीमांत के महानिरीक्षक राजा बाबू सिंह ने कहा कि खुफिया एजेंसियों से यह पुख्ता जानकारी मिली है कि सीमा पार गुलाम कश्मीर में 104 से 135 आतंकवादी इस तरफ घुसपैठ करने को तैयार बैठे हैं। कुछ गाइड यहां से उस पार गए हैं। ऐसी आशंका है कि आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने का जिम्मा उन्हीं को सौंपा गया है। हमारी नजर लगातार उनकी गतिविधियों पर है। जहां तक कि सुरक्षा एजेंसियों ने उनके परिवार पर भी नजर रखी हुई है। राष्ट्रविरोधी तत्वों को जम्मू-कश्मीर की शांति को नुकसान पहुंचाने कइ इजाजत नहीं दी जाएगी।

बीएसएफ हैडक्वार्टर हुमहामा में आयोजित वार्षिक सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए बीएसएफ महानिरीक्षक राजा बाबू सिंह ने कहा कि संघर्ष विराम के बाद नियंत्रण रेखा पर शांति बनी हुई है परंतु पाकिस्तान की मदद से आतंकवादियों ने कई बार इस ओर घुसपैठ करने का प्रयास किया है। हमारे जवान पूरी तरह से मुस्तैद होकर बर्फबारी व बारिश के बीच सीमा पर चौकसी बनाए हुए हैं।

आईजी बीएसएफ ने कहा कि खुफिया एजेंसी ने सीमा पर गुलाम कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां देखी हैं। उन्हें यह इनपुट मिले हैं कि लांचिंग पैड पर 104 से 135 आतंकवादी हैं, जो इस तरफ घुसपैठ करने के लिए तैयार हैं।” वे मौके की तलाश में हैं। घुसपैठ को सफल बनाने के लिए नियंत्रण रेखा से सटे गांवों में बसे कुछ गाइड नियंत्रण रेखा से दूसरी तरफ चले गए हैं। हालांकि जानकारी मिलते ही उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है। जहां तक की उनके परिवार भी लगातार निगरानी में हैं। आपको बता दें कि इन गाइड काे लांचिंग पैड पर मौजूद आतंकवादियों को इस ओर लाना है। 

आइजी बीएसएफ ने कहा कि घाटी में बीएसएफ नियंत्रण रेखा पर 96 किलोमीटर लंबे इलाके में सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही है। हमारे जवान और अधिकारी पूरी तरह मुस्तैद हैं। आतंकियों की घुसपैठ को नाकाम बनाने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। हम अपने घुसपैठरोधी तंत्र की नियमित समीक्षा कर उसे लगातार चाक चौबंद बनाते रहते हैं। सेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ हमारा पूरा समन्वय बनाए रखते हैं ताकि दुश्मन की हर हरकत का सही जवाब दिया जा सके।

ड्रोन के खतरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह एक नयी चुनौती है। आतंकियों के सरगना और पाकिस्तानी सेना की खुफिया एजेंसी इसका इस्तेमाल भारतीय इलाकों में हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी के अलावा हमारी गतिविधियों का पता लगाने के लिए कर रही है,लेकिन हम इससे निपटने में समर्थ हैं। हम इस खतरे से निपटने के लिए एंटी ड्रोन प्रणाली का इस्तेमाल करने के अलावा अपने ड्रोन भी खरीद रहे हैं।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि बीते एक साल के दौरान उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे इलाकों में बीएसएफ ने 17.3 किलो हेरोईन के अलावा 88 करोड़ रूपये की नकदी भी बरामद की है। इसके अलावा घुसपैठ के कई प्रयासों को नाकाम बनाया है।

तालिबान पर अफगानिस्तान पर कब्जे का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के हालात पर इसका अभी तक कोई स्पष्ट असर नजर नहीं आया है। सभी सुरक्षा एजेंसियां अपने अपने स्तर पर इस संदर्भ लगातार हालात की लगातार निगरानी कर रही हैं। यहां किसी को घबराने की जरुरत नहीं है। हालात पूरी तरह नियंत्रण में और सुरक्षित हैं।

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