छत्तीसगढ़

रायपुर : राज्य में मिशन के रूप में संचालित है गोधन न्याय योजना : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

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गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में किया जा रहा विकसित

गौठानों में 148 तेलमिल और 188 दाल मिल की स्थापना की प्रक्रिया शुरू
 
गौपालकों को जारी की गई 4.21 करोड़ रूपए की राशि

गोधन न्याय योजना के तहत अब तक गोबर विक्रेताओं को हो चुका 122.17 करोड़ रूपए का भुगतान

गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में किया जा रहा विकसित

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना को पूरे देश में एक आदर्श योजना के रूप में स्वीकार किया है। इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के राजपथ पर गोधन न्याय योजना की झांकी देश-दुनिया के लोग देखेगें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को छत्तीसगढ़ राज्य में मिशन के रूप में संचालित किया जा रहा है। गांवों में स्थापित गौठानों में आजीविका के साधनों को बढ़ाने के उद्देश्य से यहां रूरल इंडस्ट्रियल पार्क तेजी से विकसित किए जा रहे है। गौठानों में अब तेल मिल एवं दाल मिल स्थापित किए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रथम चरण में राज्य के 148 गौठानों में तेल मिल और 188 गौठानों में दाल मिल की स्थापना की जा रही है। इससे गौठानों में  आय मूलक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

     मुख्यमंत्री श्री बघेल आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित गोधन न्याय योजना के रााशि अंतरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पशुपालक ग्रामीणों, गौठान समितियों और गौठाानों से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों को 4 करोड़ 21 लाख रूपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया, जिसमें बीते एक पखवाड़े में क्रय गोबर के एवज में 2 करोड़ 76 लाख रूपए गौठान समितियों को 87 लाख रूपए और महिला स्व-सहायता समूहों को 58 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल है। गोबर खरीदी की एवज में अब तक गौपालकों को 122 करोड़ 17 लाख रूपए किया गया है। गौठान समितियों को 45.31 करोड़ रूपए एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 29.46 करोड़ रूपए की लाभांश राशि भुगतान की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देकर राज्य में कृषि लागत को कम करने में मदद मिली है। फसल विविधीकरण को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है और कृषि उत्पाद के प्रोसेसिंग की व्यवस्था गौठानों में कर रहे है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार करने में जुटी महिला स्व-सहायता समूह की सराहना की और कहा कि हमारी महिला बहनों ने अब तक 10.38 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट तथा 4.36 लाख क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट खाद तैयार किया है, जिससे राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है और रासायनिक उर्वरकों की कमी को भी पूरा करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि गौठानों में आय की विविधगतिविधियों को अपनाकर हमारी महिला बहनों ने अबतक 50 करोड़ 57 लाख रूपए की आय अर्जित की है। इससे महिला समूहों में स्वावलंबन के प्रति एक नया आत्मविश्वास जगा है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 10591 गौठान स्वीकृत किए गए है, जिसमें से 7,933 पूर्ण रूप से संचालित है। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में अब तक 61.07 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। उन्होंने गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन, विक्रय एवं अन्य आय मूलक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन, संचालक उद्यानिकी श्री माथेश्वरन वी., संयुक्त सचिव कृषि श्री के.सी. पैकरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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