लॉकडाउन: 8 दिन से पैदल चल रहे मजदूर की आपबीती
नई दिल्ली– कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए देश में लगभग 50 दिनों से लॉकडाउन है. इस बीच यूपी के कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए योगी सरकार महाअभियान चला रही है. लेकिन हर किसी के पास मदद नहीं पहुंच पा रही है. लॉकडाउन के तीसरे चरण के अंतिम सप्ताह में आकर लोगों का धैर्य जवाब देने लगा है. लोग सिर पर गठरी और गोद में बच्चों को लेकर घर के लिए पैदल ही निकल रहे हैं. ऐसे ही महाराष्ट्र के भिवंडी से परिवार समेत पैदल ही बिहार के बॉर्डर पर पड़ने वाले उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला जा रहे एक मजदूर ने अपनी आपबीती सुनाई है.
भिवंडी के एक हैंडलूम के कामगार बालकृष्ण ने बताया, ‘मैं भिवंडी से पैदल आ रहा हूं. मुझे जौनपुर जाना है. हम लोगों को यात्रा करते हुए 8-9 दिन हो गए हैं. जब तक पैसा था तब तक खाना खाया जब मरने वाली स्थिति हुई तो पैदल चल दिए. रास्ते में बच्चे को देखकर लोग थोड़ा बहुत कुछ खाने को देते थे.’
मजदूर ने बताया, ‘हम जिस फैक्ट्री में काम करते हैं, वहां के मालिक हमारी मदद नहीं कर रहे थे. मदद मांगने पर कहते थे कि घर चले जाओ. ऐसा लगता था जैसे पहचाते ही ना हों. मजबूरी में घर के लिए निकले. पास में पैसा नहीं था और ना ही कोई मदद कर रहा था. कुछ दिन तक एक ट्रस्ट के माध्यम से दोनों टाइम खाना मिल रहा था, अब वो भी बंद हो गया.’
परिवार के साथ निकले मजदूर बालकृष्ण ने कहा, ‘अगर वहां पड़े रहते तो ऐसे ही मर जाते, हमने सोचा कि घर के लिए निकलते हैं, अगर जिंदा रहेंगे तो घर पहुंच जाएंगे नहीं तो रास्ते में ही खत्म हो जाएंगे. बात ही खत्म हो जाएगी.’