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वन अधिकार के दावें अब ऑनलाइन धमतरी और कोरबा जिले में पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ

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 छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना वन अधिकार पत्र वितरण के दावें अब ऑनलाइन भी दायर हो सकेंगे। प्रदेश के दो जिले धमतरी और कोरबा के एक-एक विकासखण्ड में पायलट प्रोजेक्ट के रूप मंे वन अधिकार मान्यता पत्र से संबंधित ऑनलाइन पोर्टल विकसित कर हितग्राहियों द्वारा दावा दायर करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है। इसके अंतर्गत 27 जुलाई से 29 जुलाई तक धमतरी जिले के विकासखण्ड नगरी में और 2 अगस्त से 4 अगस्त तक कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड में वन अधिकार मान्यता पत्र के ऑनलाइन दावें दायर करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। 
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने पायलट प्रोजेक्ट के प्रारंभ होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इससे हितग्राहियों को जटिलतम कागजी कार्यवाही से मुक्ति मिलेगी। इसके साथ ही हितग्राहियों को उनके आवेदन पर की गई कार्यवाही की पूर्ण जारी ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि योजना के उत्साहवर्धक परिणाम मिलने पर शीघ्र ही अन्य जिलों में प्रारंभ किए जाने की मंशा है। विभागीय सचिव श्री डी.डी. सिंह और आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी स्वयं इस योजना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और उनके द्वारा संबंधित जिले के योजना प्रभारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं। 
मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि वन अधिकार मान्यता पत्र वितरण में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। राज्य में 31 दिसम्बर 2020 तक वन अधिकार के व्यक्तिगत दावों के लिए प्राप्त कुल 8 लाख 37 हजार 562 आवेदन पत्रों में से 4 लाख 36 हजार 619 वन अधिकार मान्यता पत्र का वितरण किया जा चुका है। इसके अलावा सामुदायिक वन अधिकार के प्राप्त 50 हजार 564 आवेदन पत्रों में से 44 हजार 938 वन अधिकार मान्यता पत्र वितरित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही सभी निरस्त दावों पर पुनर्विचार और समीक्षा कर सभी पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र दिलाए जाने की कार्यवाही की जा रही है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास विभाग द्वारा इसी चरण में सुधार करते हुए अब वन अधिकार मान्यता पत्र संबंधी ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है। 
उल्लेखनीय है कि पूर्व में इस योजना के अंतर्गत हितग्राहियों द्वारा कागजी प्रक्रिया के तहत वन अधिकार मान्यता पत्र के दावें भरे गए हैं, जिसके कारण प्रक्रिया के नियमानुसार क्रियान्वयन में व्यावहारिक समस्या सामने आई हैं। इन समस्याओं के निराकरण और वन अधिकार कानून के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा यू.एन.डी.पी. के तकनीकी सहयोग से वेब आधारित एमआईएस पोर्टल विकसित किया है। इसके द्वारा दावा दायर करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन माध्यम से पूर्ण किया जा सकेगा और आवेदक द्वारा भरे गए दावें पर की गई कार्यवाही की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दावा करने वाले को उपलब्ध हो सकेगी। इसके साथ ही जिलेवार वन अधिकार मान्यता पत्र दावों की वस्तुस्थिति भी पोर्टल पर सभी के लिए उपलब्ध होगी।  

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