
विदेश मंत्री एस जयशंकर चार दिवसीय यात्रा पर ब्रिटेन पहुंचे हैं, जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए 3 मई को वो लंदन पहुंचे। इस दौरान मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका के अपने समकक्ष नालेदी पांडोर के साथ वार्ता की और भयावह कोविड-19 महामारी की चुनौतियों तथा वैश्विक स्वास्थ्य संकट से उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने के लिए सहयोग के उपायों पर चर्चा की। जयशंकर ने बताया कि कोविड इस वक्त दुनिया के लिए बड़ी समस्या है। इसपर एकजुट होकर ही जीत पाया जा सकेगा। हम सब एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहे। भारत ने संकट के समय कई देशों को दवा उपलब्ध कराया है। अमेरिका, सिंगापुर, यूरोप समेत कई देशों को टीके दिए गए हैं।
एएनआई को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि वैक्सीन कमी को लेकर देश में सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि सरकार विदेश में अपनी छवि मजबूत करने के लिए देश की अनदेखी कर टीके अन्य देशों को भेज दी, लेकिन ऐसा नहीं है। हमने संकट के दौर में कुछ देशों की मदद की है और आज हमें मदद की दरकार है तो वह भी मेरी सहायता करने के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग समस्याओं को दूर कैसे करें इस पर विचार नहीं कर रहे हैं, वह एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित है। लोगों के सामने कई समस्याएं खड़ी हो गई है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार लोगों की मदद के लिए सबकुछ करने को तैयार है।