छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

राजनांदगांव : भाटिया की याचिका पर प्रशासन को हाईकोर्ट का नोटिस जारी

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राजनांदगांव। छुरिया में सरकारी जमीन पर कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा अतिक्रमण कर शापिंग काम्प्लेक्स निर्माण को लेकर पूर्व मंत्री रजिंदर पाल सिंह भाटिया द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट    ने प्रशासन को दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। ज्ञात हो कि पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रजिंदरपाल सिंह भाटिया ने गत नौ फरवरी को यहां प्रेस वार्ता लेकर मीडिया के समक्ष पूरे मामले का खुलासा किया गया था। श्री भाटिया ने दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर आरोप लगाया था कि छुरिया में कांग्रेस से जुड़े नेताओं द्वारा प्रदेश में सत्ता होने का धौंस दिखाकर प्राईम लोकेशन में स्थित करोड़ों की शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा कर धड़ल्ले से शापिंग काम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है। श्री भाटिया का आरोप है कि कांग्रेस के नावेद खान पिता स्व. सिद्दिक मेमन द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर छुरिया के प्रमुख स्थल पर स्थित शासकीय भूमि खसरा नम्बर 446/1 रकबा 0.05 डिसमिल पर प्रशासन के संरक्षण में अवैध कब्जा कर अवैध शापिंग काम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है। नगर पंचायत छुरिया वार्ड नं. 6 के निवासी झाडूराम पिता भंगीराम सिन्हा ने आपत्ति भी दर्ज कराई है, इसके बावजूद उसे न्याय नहीं मिल रहा है।श्री भाटिया ने प्रेस वार्ता में आपत्तिकर्ता आवेदक झाडूराम सिन्हा के हवाले से बताया था कि उन्होंने 18 जनवरी को आपत्ति दर्ज कराई थी कि नावेद खान पिता सिद्दिक मेमन द्वारा बस स्टैंड छुरिया मेन रोड के सामने स्थित आबादी भूमि खसरा नं. 446/1 रकबा 0.512 हेक्टेयर अर्थात 0.03 1/2 एकड़ जमीन पर अवैधानिक रूप से कब्जा कर नगर पंचायत छुरिया से बगैर अनुज्ञा के शापिंग काम्पलेक्स बनाने के लिए नींव खुदवाई जा रही है। इस संबंध में छुरिया के तहसीलदार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था, जिस पर पटवारी द्वारा 25 जनवरी को नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा सहित पार्षदों व वरिष्ठ नागरिक मेहतराम सिन्हा व उनके स्वयं की उपस्थिति में पंचनामा तैयार कर जांच प्रतिवेदन 27 जनवरी को तहसीलदार को प्रस्तुत किया गया। प्रतिवेदन में कांग्रेसी नावेद मेमन द्वारा 6 डिसमिल शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर शापिंग काम्पलेक्स हेतु नींव खुदवाने का कार्य प्रारंभ करने का उल्लेख है।

जांच प्रतिवेदन के आधार पर तहसील द्वारा तत्काल निर्माण कार्य में स्थगन आदेश न देकर अनदेखी करने का कार्य किया गया और न उन्होंने नावेद मेमन के कांग्रेसी होने के चलते उसके खिलाफ कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। श्री भाटिया ने बताया कि नावेद द्वारा जिस शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर शापिंग काम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है, उस पर उनका पूर्व में कब्जा रहता, तो जोगी सरकार के समय 2001 में तथा डॉ. रमन सिंह की सरकार के समय 2003 से 2018 तक भूमिहीनों को दिये गये जमीन का प्रमाणपत्र की तरह सिद्दिक परिवार के पास भी उक्त जमीन का प्रमाणपत्र रहता। इससे सिद्ध होता है कि उक्त जमीन शासकीय है, जिस पर अवैध कब्जा कर शापिंग काम्पलेक्स निर्माण किया जा रहा है। श्री भाटिया ने स्पष्ट किया कि स्व. सिद्दिक मेमन के पिता व नावेद के दादा पूर्व में छुरिया के सरपंच थे, जिनके द्वारा अपने परिवार के सदस्यों को फर्जी भूमि प्रमाणपत्र वितरित किया गया था। पंचायत अधिनियम का हवाला देते हुए श्री भाटिया ने बताया कि काबिज भूमि पर ही भू-स्वामी अधिकार प्रमाण पत्र दिया जाता है, खाली जमीन पर नहीं। सम्बंधित अतिक्रमित भूमि पर 50-70 साल से किसी का भी कब्जा नहीं रहा। पूर्व में उक्त शासकीय आबादी भूमि पर ग्रामवासियों द्वारा पूर्व में  भागवत कथा का आयोजन किया गया था, तब ग्रामवासियों ने उक्त भूमि पर धर्मशाला बनाने का प्रस्ताव पास कर लोगों से चन्दा भी किया था। किंतु कतिपय कारणों से धर्मशाला बनने में देरी होने के चलते उक्त भूमि अतिक्रमण का शिकार हो गई। इस संदर्भ में कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार के समक्ष शिकायत किये जाने के बावजूद अवैध कब्जाधारी कांग्रेसियों को अभयदान दे दिया गया। मामले को लेकर उन्होंने स्वयं छुरिया के तहसीलदार से इस सम्बंध में मौखिक चर्चा की थी, जिस पर कहा गया कि भू-अभिलेख का मूल पट्टा देखकर ही स्थगन आदेश दिया जाएगा, किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। श्री भाटिया ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाने की बात कही थी। अब हाईकोर्ट बिलासपुर ने श्री भाटिया की अर्जी पर प्रशासन को दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के लिए नोटिस जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने यह माना है कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर निर्माण कार्य अवैधानिक है। बहरहाल कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद पूरे मामले में अतिक्रमणकारियों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के हाथ-पैर फूलने लगे हैं। देखने वाली बात होगी कि आगामी दिनों में यह मामला किस करवट बैठता है? उक्त मामले की पैरवी हाईकोर्ट की अधिवक्ता शालिन बघेल ने की।

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