मध्य प्रदेश

जल की हर बूंद में जीवन, हर स्रोत में भविष्य का आधार: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि “आपः सुजिरा अमृतः सुवर्चाः शंभू मयोभूः", अर्थात जल न केवल अमृतस्वरूप है, बल्कि शुभ, पवित्र और जीवनदायक भी है। उन्होंने कहा है कि जल जीवन जीने का संसाधन मात्र नहीं, अपितु हमारा सनातन संस्कार है। हमारे ग्रंथ कहते हैं कि जल की हर बूंद में जीवन है और हर स्रोत में आने वाले कल का भविष्य छिपा है। इसलिए इस अमूल्य धरोहर की किसी भी मूल्य पर रक्षा करना हमारा दायित्व है।

इसी दायित्व की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ संचालित किया जा रहा है। इसमें नवीन जल संग्रहण संरचनाओं के साथ-साथ पूर्व से मौजूद जल संग्रहण संरचनाओं का जीर्णोद्धार, जल स्त्रोतों और जल वितरण प्रणालियों की साफ सफाई, जल स्त्रोतों के आस-पास पौध रोपण के कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। जन-जागरुकता अभियानों के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इस अभियान में जन-भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।

छिंदवाड़ा जिले में सक्रिय जनसहयोग
छिंदवाड़ा जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में 30 मार्च से शुरू हुए कार्यों के अंतर्गत कलेक्टर श्री शीलेंद्र सिंह ने जनपद पंचायत जुन्नारदेव पहुंच कर बुधवारा गांव में तालाब के गहरीकरण हेतु ग्रामवासियों के साथ मिलकर श्रमदान किया। तालाब के जीर्णोद्धार के साथ ही इसमें जमा गाद निकालकर सफाई की जा रही है। इसी के साथ छिंदवाड़ा जिले की जन अभियान परिषद शाखा ने कन्हांन नदी तट की सफाई करते हुए जल संरक्षण की शपथ दिलाई।

बुरहानपुर में जल संरक्षण के साथ पर्यावरण संतुलन का प्रयास
जल गंगा संवर्धन अभियान में वन विभाग द्वारा जिले के वन क्षेत्रों में स्थित जल-स्त्रोतों की सफाई, तालाब, बावड़ियों, स्टॉप डेम का गहरीकरण और पौधारोपण का कार्य किया जा रहा है। सोलाबरडी और गढ़ताल रेंज वन क्षेत्रों समेत जिले के 67 चिन्हित जल-स्त्रोतों की सफाई और गहरीकरण का काम किया जा रहा है। वन विभाग का अमला स्थानीय नागरिकों की भागीदारी से नदी, तालाबों, बावड़ियों में जमा कचरा, सूखे पत्ते, गाद और झाड़ियां को हटा रहा है। अमरावती नदी के तटों पर भी वृहद स्तर पर सफाई अभियान जारी है। इससे मानसून के दौरान इन स्त्रोतों में पानी का भराव आसानी से हो सकेगा। जल संरचनाओं में पानी का भराव होने से वन्य जीवों और पक्षियों को भी राहत मिलेगी और भूजल स्तर बना रहने से पर्यावरण भी संतुलित रहेगा।

देवास जिले में नये एवं पुराने जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संकल्पों को साकार करने के उद्देश्य से देवास जिले में भी ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ 30 मार्च से 30 जून तक चल रहा है। कलेक्टर श्री ऋतुराज सिंह एवं जिला पंचायत के सीईओ श्री हिमांशु प्रजापति के मार्गदर्शन में नये तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही पुराने तालाबों, बावड़ियों, नदियों एवं कुँओं का जीर्णोद्धार व पौधारोपण के कार्य जन-भागीदारी से किये जा रहे हैं। जिले की जनपद पंचायत खातेगांव में ग्राम पंचायत बछखाल के बोरदा गांव में तालाब का गहरीकरण किया गया है। इसी क्रम में जिला प्रशासन एवं ग्रामीणों के जनसहयोग से जिले की जनपद पंचायत देवास की ग्राम पंचायत गदाईशा पीपल्या में तालाब का गहरीकरण किया जा रहा है। इससे बारिश के दिनों में जल-संचय बढ़ेगा जिससे पेयजल एवं कृषि दोनों के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा।

 शिवपुरी एवं शहडोल में श्री हनुमान जन्मदिवस पर सामुदायिक श्रमदान
शिवपुरी जिले के विकासखंड शिवपुरी में निवर्तमान नवांकुर संस्था, ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति बूढ़ीबरोद, सेक्टर सुरवाया व ग्राम विकास समिति धुवानी के संयुक्त प्रयास से ग्राम धुवानी तालाब में श्रमदान कर मिट्टी हटाई गई और जल संरक्षण हेतु प्रेरणा दी गई। वहीं, शहडोल जिले में हनुमान जयंती के अवसर पर जिला प्रशासन एवं नगरपालिका के संयुक्त तत्वावधान में प्राचीन विराटेश्वर मंदिर परिसर में स्थित बाणगंगा कुण्ड में सफाई अभियान चलाया गया। विधायक मनीषा सिंह, कलेक्टर डॉ. केदार सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने इस अभियान में भाग लेते हुए जल संरक्षण की शपथ भी ली।

अभियान का समग्र उद्देश्य
इस अभियान के अंतर्गत नई जल संरचनाओं का निर्माण और पुरानी संरचनाओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। जल स्रोतों और जल वितरण प्रणालियों की सफाई के साथ-साथ उनके आस-पास पौधारोपण को प्राथमिकता दी जा रही है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जन-जागरुकता अभियानों के माध्यम से लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है। ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ का उद्देश्य न केवल जल संरचनाओं के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार में सहायता प्रदान करना है, बल्कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले जल स्रोतों को पुनर्जीवित करते हुए वर्तमान एवं भविष्य की पीढ़ियों में भारत के स्वर्णिम अतीत से परिचय एवं प्रेरणा का संचार करना भी है। अभियान में मशीन, सामग्री व श्रम का समुचित नियोजन कर आमजन, स्थानीय समुदाय, जनप्रतिनिधि एवं सरकार का संयुक्त प्रयास सुनिश्चित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस महत्त्वपूर्ण अभियान में एकजुटता के साथ भाग लेकर जल संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं, क्योंकि “जल है तो कल है”।

 

RO.No.- 12697 54

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker