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ठगों ने बनाया आरटीओ का फर्जी पोर्टल, सरकारी खजाने में लगा रहे सेंध

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आगरा में ऑनलाइन टैक्स जमा कराने के नाम पर केंद्र खोलकर बैठे ठग क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) का फर्जी पोर्टल भी चला रहे हैं, जिस पर विभाग का क्यूआर कोड भी लगा है। ये शातिर टैक्स का पैसा अपनी जेब में रखकर लोगों को फर्जी रसीद थमा रहे हैं। 

राजस्थान के बाड़मेर निवासी लाखाराम ने सोमवार को ठगों के कारनामों को एसएसपी बबलू कुमार के सामने रखकर शिकायत दर्ज कराई। एसएसपी ने पूरे मामले की जांच साइबर सेल को सौंप दी है। आरटीओ में ऐसी दो शिकायतें आ चुकी हैं।
ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले लाखाराम ने बताया कि उसके ट्रक चालक ने 17 सितंबर को राजस्थान से उत्तर प्रदेश की सीमा में घुसते ही फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में पुलिस चौकी के ठीक पास चल रहे ऑनलाइन टैक्स जमा केंद्र पर टैक्स के 2100 रुपये जमा कराए थे। 

उसे वहां से रसीद मिली। उसके मोबाइल पर एसएमएस भी आ गया। इसके बाद मलपुरा में आरटीओ की टीम ने चेकिंग के दौरान रसीद और एसएमएस को देखते ही फर्जी बता दिया और बाड़मेर निवासी ट्रक चालक कालूराम के खिलाफ केस दर्ज करा दिया।
लाखाराम ने एसएसपी को बताया कि आरटीओ के असली पोर्टल का नाम वाहन है। ठगों के फर्जी पोर्टल का नाम भी वाहन है। सिर्फ इतना सा फर्क है कि असली पोर्टल में वाहन के नीचे छोटे अक्षरों में अंग्रेजी में वीडी वाहन लिखा है जबकि फर्जी में वीएम वाहन लिखा है। चालक-परिचालक भला इसे कैसे पकड़ सकते हैं।

असली और फर्जी रसीद का अंतर मुश्किल

लाखाराम ने बताया कि असली और फर्जी रसीद बिल्कुल एक जैसी हैं। ये स्कैन करके तैयार की गई है। दोनों पर आरटीओ का क्यूआर कोड लगा है। फर्जी रसीद पर यह कोड स्कैन करके लगाया गया होगा।

छह केंद्र चल रहे थे, रोज 1000 से ज्यादा लोग जमा कराते थे टैक्स

सैंया में विजिलेंस ने ऐसा केंद्र पकड़ा तो आरटीओ के समानांतर चल रहा था। इसी तरह के केंद्र सीकरी में छह चल रहे थे। लाखाराम ने बताया कि यहां एक हजार से ज्यादा वाहनों के टैक्स जमा कराए जाते थे। जिस केंद्र पर उसके चालक के साथ ठगी हुई, उसे मनीष और सचिन चला रहे थे।
लाखाराम ने एसएसपी से कहा कि ट्रक चालक कालूराम ने आरटीओ कर्मियों को बताया कि ये रसीद सीकरी में सचिन और मनीष ने काटी हैं, वह वहां मौजूद हैं, ढाबे में केंद्र चला रहे हैं, यह पुलिस चौकी के बराबर में है लेकिन टीम वहां नहीं गई। 

एआरटीओ की तरफ से जो तहरीर दी गई, उसमें सिर्फ कालूराम को आरोपी बनाया, उन्हें नहीं जिन्होंने ठगी की। इससे जाहिर होता है कि आरटीओ कर्मियों की मिलीभगत से ही फर्जी केंद्र चल रहे हैं।

साइबर सेल को जांच सौंपी

एसएसपी बबलू कुमार ने कहा कि ऑनलाइन टैक्स जमा कराने के नाम पर फर्जी रसीद देने और फर्जी पोर्टल चलाने का मामला आया है। इसकी जांच साइबर सेल को सौंपी गई है।

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