मध्य प्रदेश

होशंगाबाद रोड पर धीमा और संत नगर में तेजी से हो रहा बीआरटीएस तोड़ने का काम

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भोपाल

बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने की रफ्तार धीमी पड़ रही है। चार हिस्सों में हट रहे कॉरिडोर का सिर्फ बैरागढ़ में ही रफ्तार से काम हो रहा है, बाकी तीनों स्थानों पर यह काम धीमा है। सबसे बड़े हिस्से होशंगाबाद रोड पर अब तक 10 प्रतिशत काम ही हुआ है, जबकि तय समय सीमा तीन महीने में से एक महीना बीत चुका है। निर्धारित समय सीमा यानि कि तीन माह में कॉरिडोर नहीं हटा तो नगर निगम ठेकेदार कंपनी पर पेनाल्टी लगायेगा।

कॉरिडोर में आए दिन हादसे हो रहे
लालघाटी से कोहेफिजा ब्रिज वाले हिस्से में 30 प्रतिशत तो रोशनपुरा चौराहे से कमला पार्क वाले हिस्से में 40 प्रतिशत काम हुआ है। दोनों स्थानों पर काम की समय सीमा का आधा वक्त बीत चुका है। कॉरिडोर हटाने की धीमी रफ्तार इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि कॉरिडोर के मौजूदा हिस्सों में आए दिन हादसे हो रहे हैं। कुल 6.4 किमी के इस कॉरिडोर को हटाने का काम 4 मार्च को शुरू हुआ था। इसके लिए समयसीमा तीन महीने निर्धारित है। ऐसे में अब तक एक तिहाई समय सीमा बीत चुकी है। लेकिन, एम्प्री से बीयू तक महज 1200 मीटर यानी 1.2 किमी कॉरिडोर हटाया जा सका है, जो महज 18.75 प्रतिशत है।

अभी क्या है काम की स्थिति

  • एम्प्री से बीयू: स्ट्रीट लाइट के पोल लगने, डिवाइडर और कर्ब तोड़ने से सड़क पर गड्ढों में पेचवर्कनहीं हुआ है। यहां काम 10 प्रतिशत भी नहीं हुआ है।
  • लालघाटी से कोहेफिजा: 1.2 किमी लंबे कॉरिडोर के हिस्से को हटाने का काम 20 फरवरी से शुरू हुआ। अब तक 500 मीटर के हिस्से (लालघाटी से कलेक्ट्रेट तक) में ही यह हटा है। 200 मीटर हिस्से में सेंट्रल बर्ज बनाया है। महज 30 प्रतिशत ही काम हुआ है, जबकि समय सीमा 3 महीने से आधा वक्त बीत चुका है।
  • रोशनपुरा से कमला पार्क: 1400 मीटर लंबे इस हिस्से में कॉरिडोर को हटाने का काम 16 फरवरी को शुरू हुआ था। रेलिंग हटाने का काम पूरा हो चुका है। यहां सेंट्रल बर्ज बनाने के लिए रोशनपुरा से बाणगंगा तक एक ओर की आर्म डल गई है। दूसरे का काम चालू है। यहां काम अभी 40 प्रतिशत के करीब ही हुआ है।
  • हलालपुर से सीहोर नाका: 4.5 किमी कॉरिडोर हटाने और डिवाइडर बनाने का काम लगभग पूरा हो गया है। समय सीमा पूरी होने में 19 दिन हैं, यहां सिर्फफिनिशिंग होना शेष है। कुछ हिस्से में  सड़क ऊंची-नीची हैं वहां एक ओर रेलिंग हटी है, एक रेलिंग को डिवाइडर के तौर पर उपयोग करेंगे।
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