पशुओं को लम्पी स्किन बीमारी से बचाने की सलाह : पशुपालक पशुओं में लम्पी स्किन डिसीज दिखाई देने पर पशु चिकित्सा विभाग से सम्पर्क करें
नारायणपुर -कलेक्टर अभिजीत सिंह ने पशुओं के शरीर में हो रहे अजीब तरह के घाव (लम्पी स्किन डिसीज) सम्बन्धी सूचना को गंभीरता से लिया है तथा इस सम्बंध में सम्बंधित अधिकारियों से जवाब भी मांगा है। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिले के कुछ ग्रामों के गौवंशी पशुओं में एक नई बीमारी का प्रकोप देखने में आ रहा है, बीमारी में पशुओ के शरीर की त्वचा पर गठान बन जाती है। पशुओ को बुखार आता है साथ ही दुधारू पशुओं के दुग्ध उत्पादन में कमी आ जाती है। कुछ गठानो से मवाद भी आता है। इस बीमारी को लम्पी स्किन डिसीज के नाम से जाना जाता है, जो कि एक विषाणु जनित संक्रामक रोग है। यह रोग मच्छर काटने, मक्खी आदि से एक पशु से दूसरे पशुओं में फैलता है। बीमारी हो जाने पर पशुओं की चमड़ी में गठान (लिम्फ नोड्स में सूजन) पैरों में सूजन, दुग्ध उत्पादन में कमी आदि लक्षण पाये जाते हैं। नारायणपुर के 24 गांवों में पशु चिकित्सा दल लगातार उपचार और टीकाकरण कार्य में करते हुए अभी तक 1763 पशुओं का उपचार एवं 2869 पशुओं को टीकाकरण किया जा चुका है।
पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस रोग के होने पर पशु सुस्त हो जाते हैं तथा बुखार के साथ ही दर्द से परेशान हो सकते हैं। इस रोग से पशु दो तीन सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। किंतु दुग्ध उत्पादन कई सप्ताह तक कम रह सकता है। चमड़ी में गठान फूट जाने पर इन फोड़ों में संक्रमण एवं कीड़े पड़ने की संभावना हो सकती है। उन्होंने बताया कि यह रोग विषाणु जनित है अतः इसका वर्तमान में निश्चित उपचार उपलब्ध नहीं है। रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु आवश्यक उपाय जैसे मच्छर, मक्खी की रोकथाम के लिए संक्रमित क्षेत्र में पशु आवागमन पर प्रतिबंध तथा संक्रमित क्षेत्र की साफ-सफाई की जानी चाहिए। रोग ग्रस्त पशु को स्वस्थ्य पशुओं से अलग कर देना चाहिए तथा लक्षण के आधार पर चिकित्सा की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि पशु पालक पशुओं को होने वाली इस बीमारी से घबराये नहीं क्योंकि इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर बहुत कम है। पशुओं में इस रोग के लक्षण मिलने पर पशु चिकित्सा विभाग, नारायणपुर से अथवा डॉ दीपेश रावटे मोबाईल नःम्बर 9425588106 से संपर्क करें एवं पशुओं का उपचार अवश्य करायें