छत्तीसगढ़बालोद जिला

CG : पाँच प्रान्तों के मांझी सैनिकों का समारोह और अगासदिया सम्मान हुआ मांझी धाम में

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बालोद  डौंडीलोहारा तहसील के बघमार गांव में मांझी उत्सव तीन दिन 05 दिसम्बर से 07 दिसम्बर तक चला । हजारों मांझी सैनिक छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र तथा उड़ीसा से आए । सैनिकों के परेड़ का नेतृत्व कुंभदेव कांगे ने किया । मांझी  की बेटी राजकुमारी कांगे लिखित पुस्तक का विमोचन हुआ । प्रथम दिवस 5 दिसम्बर को देवपूजन समारोह में राजमाता फुलवा देवी तथा मुख्य अतिथि दुर्ग मंडी अध्यक्ष अश्विनी साहू ने मांझी के चित्र पर माल्यार्पण का समारोह कर उद्घाटन किया । अश्विनी साहू ने कहा कि यह मेरे जीवन का अद्भुत समारोह है । इस समारोह में छत्तीसगढ़ की आत्मा के दर्शन हुए । मांझी  ने छत्तीसगढ़ का स्वाभिमान, मान बढ़ाया । कार्यक्रम संचालन राजीव उइके ने किया ।

दूसरे दिन 06 दिसम्बर को कांकेर जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत धु्रव और समारोह के अध्यक्ष लेखक .एस. राना, विशेष अतिथि बी.एल. ठाकुर, मुनीलाल निषाद, खड़ानंद वर्मा, बद्रीप्रसाद निषाद थे । अगासदिया कंगला मांझी सम्मान प्रफुल्ल ठाकुर, एस.पी. तथा शहीद दुर्वाशाल लाल निषाद सम्मान परिवहन विभाग के संयुक्त आयुक्त देवव्रत सिरमौर को प्रदान किया गया । डॉ. उर्मिला शुक्ल को अगासदिया संत पवन दीवान सम्मान प्रदान किया गया ।

लेखक दिनेश चौहान ने पवन दीवान एवं परदेशीराम वर्मा का पेंसिल से निर्मित चित्र भेंंट करते हुए कहा कि दोनों ने दस वर्षों तक साथ रहकर इस मांझी धाम को छत्तीसगढ़ का गौरवग्राम बनाने में भरपूर सहयोग  किया । इसलिए मैंने राजिम के साधक पवन दीवान एवं छत्तीसगढ़ के चर्चित साहित्यकार परदेशीराम वर्मा का चित्र बनाकर भेंट किया । दिनेश चौहान का सम्मान स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया । कार्यक्रम में कुंभदेव ने स्वागत भाषण दिया । राजमाता फुलवादेवी कांगे ने कहा कि अब हमारी नई पीढ़ी मेरे काम को आगे बढ़कर सम्हाल रही है ।

मैं बहुत आशा करती हूँ कि आदिवासी समाज मांझी  के सपनों को पूरा करेगा । आगे बढ़ेगा । जागकर अपना सही हक लेगा । संयोजक डॉ. परदेशीराम वर्मा ने कहा कि मुझे मांझी समारोह में 18 वर्षों से संयोजन का काम करते हुए बहुत कुछ सीखने को मिला । यह स्वाभिमानी, दाता और देशप्रेमी समाज है । आदिवासी सबको मान देता है । वह एक दिन अपना असली हक भी पायेगा यह मेरा विश्वास है । तीसरे दिन  7 दिसम्बर को बस्तर के कलाकारों ने ढुलकी नृत्य प्रस्तुत किया । कंकालीन गांव  के गंगासागर नृत्यदल ने कार्यक्रम दिया । बघमार गांव के तथा अन्य राज्यों से आए सिपाहियों के बच्चों ने कार्यक्रम दिया ।

मिथिलेश नूरूरी मुख्य अतिथि थे । जिला पंचायत बालोद के उपाध्यक्ष नरूरी ने कहा कि मांझी धाम से बालोद और छत्तीसगढ़ को बहुत आशाएं हेै । कार्यक्रम के अध्यक्ष राजा राम तराम थे । कार्यक्रम का समापन हुआ । कार्यक्रमों का संचालन प्रख्यात कलाकार महेश वर्मा एवं राजीव उइके ने दिया ।

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