एमवाय अस्पताल में लावारिस मिले बच्चों को लेने आए पिता
एमवाय अस्पताल में 1 मई को मिले चार बच्चों के परिवार का पता चल गया है। बच्चों के पिता उनसे मिलने भोपाल से इंदौर पहुंचे और कहा कि पत्नी चारों बच्चों को अपने मायके अशोक नगर के लिए निकली थी, लेकिन उसका कोई पता नहीं था। बच्चों के इंदौर में होने की जानकारी मिली तो मैं उन्हें लेने आया। पिता भोपाल में रहते है और हम्माली करते है, हालांकि पिता को अभी बच्चे चाइल्ड हेल्पलाइन ने नहीं सौंपे है। पिता मुंशी खां जब बच्चों के आधार कार्ड या पहचान संबंधी अन्य दस्तावेज लेकर आएंगे, तब उन्हें बच्चों को सौंपा जाएगा।
पिता बोले-मैने कई जगह तलाशा
पिता मुंशी खा अपने रिश्तेदार के साथ संयोगितागंज थाने पहुंचे। उन्होंने कहा कि पत्नी ने कहा था कि अशोक नगर मेें मेला लगा हुआ है। मेले में बच्चों को घुमाने ले जा रही हुं,लेकिन उसके बाद तीन माह से वह नहीं लौटी। मैने पत्नी और बच्चों को खरगोन, बड़वानी और इंदौर में तलाशा था। चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने अशोक नगर मेें भी बच्चों की नानी से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी राईमा और मुंशी ही बच्चों को संभाले। हमेें कोई आपति्त नहीं है।
भूखे मिले थे बच्चे
चार बच्चों को इंदौर के एमवाय अस्पताल में एक मई को लावारिस छोड़ दिया। वे सुबह से भूखे थे। पुलिसकर्मी उन्हें संयोगितागंज थाने ले गए और भरपेट उन्हें खाना खिलाया। बच्चों के पास एक कंबल भी मिला था। उसी कंबल को लपेट कर बच्चे परिसर में बैठे मिले थे।