राजनांदगाँव के शिक्षकों ने कोंडागाँव के राज्य स्तरीय सेमिनार में भाग लिए

राजनांदगाँव: राज्य के सुदूर वनांचल क्षेत्र चिपावंड (कोंडागाँव)में शा. उ.मा.शाला चिपावंड इन कोलैबोरेशन विथ एल्टाई (इंग्लिश लैंग्वेज टीचर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) राजनांदगाँव चैप्टर के बैनर तले एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया गया। “इंग्लिश लैंग्वेज टीचिंग इन छत्तीसगढ़” विषय पर आधारित इस सेमिनार में 70 से भी अधिक शिक्षकों एवम विद्यार्थियों ने भाग लिए। प्रोग्राम कन्वेनर श्री सी.के.चतुर्वेदी, प्रोग्राम पैटरोन श्रीमती सुशीला शर्मा, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर श्री मोहन लाल बोगा एवम प्रोग्राम प्रेसिडेंट श्री धनेश सिन्हा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस सेमिनार में राज्य के विभिन्न जिलों के प्रतिनिधियों ने अपनी भागीदारी दी।इस सेमिनार में राजनांदगाँव केशिक्षकों एवम विद्ययर्थियों ने भी भाग लिए। इस शैक्षणिक कार्यक्रम का प्रारम्भ माँ सरस्वती के तैल चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।संस्था प्राचार्य एवम प्रोग्राम कन्वेनर श्री सी.के. चतुर्वेदी ने अतिथियों के स्वागत में अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का तेजी से उत्थान हेतु यह आवश्यक है कि शिक्षकों एवम विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा का भली भांति ज्ञान हो।इस नाते यह आवश्यक है कि उनमें अंग्रेजी भाषा की जानकारी हेतु उर्वर वातावरण तैयार किया जाय। वरिष्ठ व्याख्याता एवम प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर श्री मोहन लाल बोगा ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में हाल के वर्षों में शिक्षा का तेजी से प्रचार-प्रसार हुआ है। राज्य में अंग्रेजी शिक्षा के विकास के लिए ही शिक्षकों एवम विद्यार्थियों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।प्रोग्राम पेटरोन श्रीमती सुशीला शर्मा ने “इम्पोर्टेन्स ऑफ इंग्लिश एन्ड वेज़ ऑफ लर्निंग इंग्लिश” विषय पर अपना विचार रखते हुए कहा कि वर्तमान समय मे अंग्रेजी एक अंतरराष्ट्रीय भाषा का रूप ले चुकी है।ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि लोगों को अंग्रेजी का कम से कम वर्किंग नालेज का ज्ञान हो।उन्होंने उपस्थित जन समुदाय को अंग्रेजी सीखने के विभिन्न तरीके को लोगों के समक्ष प्रस्तुत किए।अपने अदभुत प्रस्तुति से श्रीमती सुशीला शर्मा ने दर्शकों की खूब वाहवाही और तालियाँ बटोरी। इसी तारतम्य में राजनांदगाँव एल्टाई चैप्टर के अध्यक्ष श्री धनेश सिन्हा ने “कॉस्टलेश टीचिंग एड्स फ़ॉर टीचिंग इंग्लिश”” पर अपनी बात रखते हुए कहा कि घर की अनावश्यक चीजों का इस्तेमाल विभिन्न विषयों के अध्ययन-अध्यापन में किया जा सकता है। विषयों को दिलचस्प बनाने के लिए कॉस्टलेस टीचिंग एड्स एक प्रभावी भूमिका निभाता है। सेमिनार में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए शिक्षकों ने शोध पत्रों के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किए। श्री कौशल चन्द्रवँशी,श्री हेमराज सहारे, श्री रोमलाल चंद्राकर, श्री खलेशवर मंडावी, नरोत्तम उर्वाषा, श्री दिनेश वाल्डे, कु.धृति नेताम, श्रीमती संगीता बघेल,कु.भूमिका बोगा ने अपने शोध पत्रों में शिक्षकों एवम कक्षागत समस्याओं को जनमानस के समक्ष प्रस्तुत किए। इसी तरह शा
उ.मा.शाला चिपावंड से कु. कृति वर्मा कु.अवंतिका कु. दिव्या कु. वनिता,कु. रेखा कु. सरस्वती ,यज्ञ पटेल, एशियन पब्लिक स्कूल चिपावंड से कु. मदालसा ,कु.भूमि पटेल कु.नवेदिता भोयर, गौरव पुजारी, शा. उ.मा.शाला अनन्तपुर से कु. प्रेरणा कु.उमेश्वरी कु.सरस्वती विद्यार्थियों ने भी अपने शोधपत्रों एवम नाटकों के माध्यम से अंग्रेजी भाषा पर अपने विचार व्यक्त किए।इस सेमिनार में मुख्य रूप से श्री धरम सिन्हा, श्री शुभम सिन्हा, श्रीमती संतोषी गोटी, श्रीमती मधु ध्रुव, सुश्री.आंचल ठावरे, सुश्री क्षमा दिल्लीवार, श्री आलोक मेश्राम,श्री ईश्वरी प्रसाद वर्मा, श्री महेश कुमार पुजारी, श्री चंद्रशेखर विश्वकर्मा,श्री चेतन वर्मा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रोग्राम कॉर्डिनेटर श्री मोहनलाल बोगा ने किया । इसी तरह धन्यवाद ज्ञापन एवम आभार प्रदर्शन श्रीमती संगीता बघेल ने किया।यह जानकारी श्री धरम सिन्हा ने प्रेस को दिया।