NIA कोर्ट ने सिमी के चार आतंकियों को उमकैद की सजा दी , दो को तिहरा आजावीन कारावास
भोपाल
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी की विशेष अदालत ने सिमी के चार आतंकियों को उम्रकैद की सजा सुनवाई है। इनमें से दो आतंकियों को तिहरा आजावीन कारावास की सजा सुनाई गई। एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल ने फैसला सुनाया। इनमें से दो आतंकी उमर और सादिक जमानत से पेशी पर आए थे। दोनों को पुलिस ने कोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। दोनों का मेडिकल करा कर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। वहीं, आतंकी अबू फजल और इमरान नागौरी पहले से जेल में बंद हैं।
वहीं, आतंकी अबू फैजल और इरफान नागौरी को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है। इनमें अबू फैजल मास्टर माइंड है। फैसला शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश रघुवीर पटेल की कोर्ट ने सुनाया। साल 2013 में सेंधवा बॉर्डर पर सिमी आतंकियों ने ATS जवानों पर हमला किया था। इसी मामले में कोर्ट ने सुनवाई की। इरफान नागौरी और अबू फैजल केन्द्रीय जेल भोपाल में बंद हैं। कोर्ट ने 4 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
1 अक्टूबर 2013 को खंडवा जेल से भागे थे
1 अक्टूबर 2013 को अबू फैजल व उसके साथी खंडवा जेल से दीवार फांद कर फरार हो गए थे। एटीएस आईजी को सूचना मिली कि सिमी आतंकी महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के समीपवर्ती जिले में आने वाले हैं। एटीएस की टीम सेंधवा पहुंची। 23, 24 दिसंबर 2013 के दरमियानी रात अबू फैजल और इरफान नागौरी, खालिद अहमद की एटीएस से मुठभेड़ हुई। इसमें तीनों लोगों ने टीम पर फायरिंग की। एटीएस ने तीनों आतंकियों को दबोच लिया। इनके पास से पिस्टल और कारतूस मिले।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उन्होंने सोलापुर, महाराष्ट्र के रहने वाले सादिक को विस्फोटक दिया है। एटीएस ने इनकी निशानदेही पर सादिक को पकड़ा। पूछताछ में सादिक ने विस्फोटक का उमेर दंडोती के पास होना बताया। उमेर को पकड़ा, तो उसके पास से पिस्टल, जिलेटिन रॉड, डायनामाइट बरामद हुआ। एटीएस ने मामले में 16 सिमी सदस्यों को आरोपी बनाया। वर्ष 2016 में जेल से फरार सिमी आतंकी अमजद, अकील, जाकिर, शेख महबूब, सालिक, खालिद, शेख मुजीब और माजिद का एनकांउटर कर दिया गया।
एक नजर
अबु फजल को धारा 307, 468 भादवि 25, 27 आर्म्स एक्ट में 10 वर्ष कारावास व 10 हजार रुपए का अर्थ दंड।
इरफान नागौरी को धारा 307 भादवि 25/27 आर्म्स एक्ट में 10 वर्ष का कारावास व 10 हजार रुपए का जुर्माना।
उमेर दण्डोती और मो. सादिक को धारा 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, धारा 16 विधि विरूद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के अनतर्गत तिहरे आजीवन कारावास की सजा। साथ में 10-10 हजार के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया गया। शासन की ओर से पैरवी राजेन्द्र उपाध्याय, निरेन्द्र शर्मा, विक्रम सिंह विशेष लोक अभियोजक ने की।
यह है मामला
1 अक्टूबर 2013 को अबू फैजल और उसके साथी खंडवा जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए थे। एटीएस आईजी को इसकी सूचना मिली थी कि खंडवा जेल से फरार सिमी आतंकी महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिले में छुपे हैं। एटीएस जब सेंधवा पहुंची तो 23-24 दिसंबर 2013 की दरमियानी रात को अबू फैजल और इरफान नागौरी तथा, खालिद अहमद की एटीएस से मुठभेड़ हो गई। इसमें तीनों लोगों ने टीम पर जानलेवा हमला कर दिया।तीनों लोगों को पकड़ लिया गया और उनसे पिस्टल और कारतूस बरामद हुए। उनसे पूछताछ में उन्होंने बताया कि विस्फोट उन्होंने सादिक निवासी सोलापुर को दे दिया है। सादिक को पकड़ा और उससे पूछतांछ की तो उसने विस्फोटक का उमेर दण्डोती के पास होना बताया। उमेर दण्डोती को पकडा तो उससे पिस्टल, जिलेटिन रॉड, डायनामाईट बरामद हुआ। पूछताछ में उन्होंने अन्य आरोपियों का भी साथ में होना बताया। एटीएस ने 9 लोगों के विरुद्ध चालान विशेष न्यायालय (NIA) में पेश किया गया। अन्य आरोपी फरार थे। फरार आरोपियों की पुलिस मुठभेड़ में मृत्यु हो गई थी। अभियोजन ने अपने पक्ष समर्थन में 36 साक्षियों के साक्ष अंकित कराई गई। न्यायालय ने 4 आरोपियों दोषसिद्ध और 4 आरोपियों दोषमुक्त किया गया।