मध्य प्रदेश

बड़े कार्य और उपलब्धि के लिए जरूरी है संवेदना और बैचेनी : मुख्यमंत्री चौहान

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भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जन-कल्याण का कोई बड़ा कार्य करने के लिए तड़प, व्याकुलता और संवेदना हो, तो कार्य आसान होता है। युवाओं में कुछ श्रेष्ठ करने की बैचेनी होना चाहिए। चीफ मिनिस्टर्स यंग प्रोफेशनल्स फॉर डेवलपमेंट प्रोग्राम से सुशासन क्षेत्र में बेहतरी के लिए एक प्रयोग किया गया है। इसका लाभ जनता को होगा। किसी भी स्तर पर योजनाओं की मॉनिटरिंग होती है तो कार्य ठीक होने लगते हैं। प्रात: साढ़े छह बजे से हो रही जिलावार समीक्षा बैठकों के भी सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। अधिकारियों को यह अहसास होता है कि कार्यों पर मुख्यमंत्री की नजर है, तो काफी कुछ ठीक होने लगता है। जिलों से चर्चा का क्रम जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री चौहान आज अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान (एग्पा) में चीफ मिनिस्टर्स यंग प्रोफेशनल्स फॉर डेवलपमेंट प्रोग्राम (सीएमवायपीडीपी) के रिसर्च एसोसिएट्स को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सीएम फेलोज द्वारा जिलों में किए गए योजनाओं के क्रियान्वयन के परीक्षण, अध्ययन और सर्वे का सुशासन एवं विकास में उपयोग किया जाएगा।

बदल गया है मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश वर्ष 2003 तक कैसा था, सभी जानते हैं। अधो-संरचनात्मक विकास के साथ अच्छी नागरिक सेवाओं से आज परिदृश्य बदल गया है। पहले प्रति एक हजार पर 912 बेटियों का जन्म होता था, जो बढ़ कर 956 हो गया है। कुछ जिले बेटे-बेटियों के जन्म की संख्या को बराबरी तक लाने में भी सफल हुए हैं। समाज की मानसिकता में भी बदलाव आया है। जन-भागीदारी बढ़ी है और मध्यप्रदेश अनेक क्षेत्रों में उन्नत स्थिति में आ चुका है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आँगनवाड़ियों को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रारंभ अभियान के अच्छे नतीजे आ रहे हैं। इंदौर और भोपाल में आँगनवाड़ी केंद्रों के लिए खिलौने ही नहीं, कम्प्यूटर, पुस्तकें, पोषण आहार और अन्य सामग्री दिल खोलकर नागरिकों ने दी है। जन अभियान परिषद ने भी स्वैच्छिक संगठनों को प्रोत्साहित किया है। कन्या विवाह योजना और लाड़ली लक्ष्मी योजना का प्रारंभ हुआ तो समाज भी सहयोगी बना। आज प्रदेश में 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी बेटियाँ हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना-02 से उच्च शिक्षा के लिए बेटियों को मदद मिल रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कल भोपाल में एक बहन पर असामाजिक तत्वों ने ब्लेड से हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। आज सुबह मैंने उस बहन की तकलीफ को महसूस करते हुए उससे मुलाकात कर जरूरी मदद पहुँचाने का कार्य किया। यह संवेदनशीलता शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में भी दिखाई देना चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि निरंतर समीक्षा के फलस्वरूप कल्याणकारी कार्यक्रमों के अच्छे अमल को जनता भी अनुभव कर रही है।

सुशासन के उपायों का जनता को मिलता है सीधा लाभ
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि योजनाओं के स्वरूप बदलने, उनकी प्रक्रिया में सुधार करने और योजनाओं का क्रियान्वयन करने वाले व्यक्तियों की कार्यशैली का अध्ययन कर सुशासन के प्रयास किए जाते हैं। सुशासन के इन उपायों का जनता को सीधा लाभ प्राप्त होता है। चीफ मिनिस्टर्स यंग प्रोफेशनल्स फॉर डेवलपमेंट प्रोग्राम से राज्य में सुशासन को प्रभावशाली बनाने का कार्य हो रहा है। प्रथम चरण में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना, पोषण अभियान और लोकसेवा केंद्रों के कार्यों का युवाओं द्वारा अध्ययन किया गया है। गत 4 और 5 अप्रैल को नई दिल्ली में नीति आयोग द्वारा सीएम फैलोज के प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला हुई थी। इसके बाद 28 -29 अप्रैल को प्रशासन अकादमी भोपाल में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान ने पीएचडी संगोष्ठी में सीएम फेलोज को अपना कार्य प्रस्तुत करने का अवसर दिया। आज इस संवाद कार्यक्रम में युवाओं के अनुभव सामने आए हैं। इन अनुभवों को एक प्रतिवेदन के रूप में भी तैयार किया जा रहा है। यह प्रतिवेदन जिला स्तरीय समीक्षा बैठकों और कल्याणकारी कार्यक्रमों की समीक्षा के लिए महत्वपूर्ण आधार बनेंगे।

युवाओं ने बताए जिलों में भ्रमण के अनुभव
संगोष्ठी में चीफ मिनिस्टर्स यंग प्रोफेशनल्स फॉर डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए चयनित योग्य युवा पेशेवरों ने जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर की भागीदारी से विकास प्रक्रियाओं के अनुभव सुनाए। युवाओं ने संबंधित सरकारी विभागों से निरंतर परामर्श और फीडबेक से प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न योजनाओं के प्रभाव मूल्यांकन की जानकारी प्राप्त की। प्रथम चरण में लोक सेवा केंद्र, पोषण अभियान और मुख्यमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स योजना से संबंधित अनुभव प्रस्तुत किए गए। युवाओं ने 430 लोक सेवा केंद्रों का सर्वे किया। कुल 4199 हितग्राहियों की प्रतिक्रिया प्राप्त की गई। आपूर्ति पक्ष के 430 सेवा प्रदाताओं के साक्षात्कार लिए गए। पोषण अभियान में 1178 आँगनवाड़ियों का सर्वे कर 2319 गर्भवती महिलाओं, 2236 धात्री माताओं और 1178 आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साक्षात्कार लिए गए। मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना में 2600 पथ विक्रेताओं का सर्वे किया गया और 1443 संभावित लाभार्थियों से भी संपर्क किया गया। प्रारंभ में एग्पा के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री चौहान का स्वागत किया और युवाओं द्वारा संपादित दायित्वों की जानकारी दी ।

क्या है सीएम वायपीडीपी
मुख्यमंत्री चौहान का मानना है कि युवा हर समाज की नींव होते हैं। वे आज और आने वाले कल का निर्माण करते हैं। आज प्रदेश में सुशासन, प्रगति और लोक सेवा प्रदाय के लिए कई योजनाएँ चल रही हैं। सीएम वायपीडीपी की शुरूआत नागरिक केंद्रित प्रशासन को ध्यान में रखकर युवाओं की भागीदारी से योजनाओं को सशक्त बनाने के लिए की गई है। इस प्रोग्राम में चिन्हित की गई योजनाओं का डेटा संग्रह, विश्लेषण, मूल्यांकन कर पब्लिक सर्विस डिलेवरी सिस्टम को मजबूत बनाना है। साथ ही प्रदेश में किए गए नवाचारों और हितग्राहियों से बातचीत कर स्थानीय चुनौतियों की पहचान करते हुए महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत करना है। इसके अलावा प्रदेश में विकास के महत्वपूर्ण विषयों के प्रकाशन का कार्य भी किया जा रहा है। इस क्रम में संस्थान द्वारा मासिक पत्रिका कनेक्ट का प्रकाशन भी किया गया है। इसके प्रवेशांक का आज मुख्यमंत्री चौहान ने विमोचन किया।

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