छत्तीसगढ़

बलरामपुर : जिले के गोठानों में तैयार हो रहे जीवामृत, ब्रम्हास्त्र एवं वर्मी कम्पोष्ट, जैविक खेती को मिल रहा प्रोत्साहन

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

मल्टीएक्टिविटी से सृजित हो रहे रोजगार के नए अवसर, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही महिलाएं
गोधन न्याय योजना से आ रही आर्थिक सुदृढ़ता

बलरामपुर शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना ने प्रदेश में एक नई आर्थिक-सामाजिक क्रांति का आगाज किया है। बहुत कम समय में इस योजना ने अपनी महत्ता और सार्थकता साबित कर पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। राज्य शासन की मंशानुरूप जिले के गौठानों में एक तरफ मल्टीएक्टिविटी प्रारंभ कर विभिन्न प्रकार की रोजगारमूलक गतिविधियों के माध्यम से प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ गौठानों में गो-मूत्र की खरीदी भी प्रारंभ की गई है। गो-मूत्र खरीदी उपरांत गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा ब्रम्हास्त्र एवं जीवामृत का निर्माण किया जा रहा है, जिसका जिले के किसान कीटनाशक एवं भूमि उर्वरता बढ़ाने के लिए उपयोग कर रहे हैं। गौठानों से मिल रहे जैविक खाद तथा कीटनाशक आसानी से उपलब्ध होने एवं प्रभावशील होने के कारण जिले में किसान जैविक कृषि की ओर अग्रसर हैं। बलरामपुर-रामानुजगंज जिला गो-मूत्र खरीदी एवं उत्पाद बिक्री में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान पर है।

जिले के गौठानों को रोजगार का केन्द्र बिन्दु के रूप में तैयार करने के लिए मल्टीएक्टिविटी प्रारंभ की गई है, जिसमें स्थानीय महिला समूहों द्वारा गोबर खाद, सामूदायिक बाड़ी, बटेर-मुर्गी पालन, अण्डा उत्पादन, मधुमक्खी पालन, शहद उत्पादन, मशरूम उत्पादन, तेल-मसाला निर्माण, आरसीसी पोल निर्माण जैसे गतिविधियों के माध्यम से रोजगार के नये संसाधन सृजित किये जा रहे हैं, जिनका लाभ गौठानों से जुड़े समूह की महिलाओं के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों को भी मिल रहा है तथा गौठानों में निर्मित उत्पाद सी-मार्ट में भी उपलब्ध है, जिसके माध्यम से समूहों ने 4 लाख 47 हजार की आमदनी अर्जित की है। एक तरफ जहां आय के नये स्त्रोत गांव के गौठानों में ही उपलब्ध हो जाने से आर्थिक सुदृढ़ता बढ़ी है, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय स्तर पर युवाओं एवं महिलाओं को रोजगार के नये साधन भी प्राप्त हो रहे हैं।

अब तक 1 लाख 80 हजार 22 क्विंटल से अधिक की हुई गोबर की खरीदी
गोधन न्याय योजना ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में सफल साबित हो रही है। जिले में गोधन न्याय योजना के प्रारंभ से अब तक योजना अंतर्गत 7 हजार 870 गोबर विक्रेताओं ने लगभग 1 लाख 80 हजार 22 क्विंटल गोबर बेचकर पशुपालकों एवं हितग्राहियों ने 3 करोड़ 60 लाख 4 हजार 481 रूपए आय अर्जित किया है। जिलें में गोबर विक्रय हेतु सतत् रूप से गौ-पालकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए गौठानों का सतत् निरीक्षण एवं योजना की लगातार समीक्षा की जा रही है, जिसका सकारात्मक परिणाम जमीन स्तर पर देखने को मिल रहा हैं।

RO.No.- 12697 54

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker