रायपुर : भेंट मुलाकात कार्यक्रम ग्राम ओड़ान : व्यवसाय स्थापित करने मील का पत्थर साबित हुई निशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना
दिव्यांग डोमार और बोधनी को मुख्यमंत्री ने सौंपा एक लाख रुपए का चेक
रायपुर,भेंट मुलाकात के दौरान एक और एक ग्यारह वाली कहावत को चरितार्थ होती दिखी, जब दिव्यांग दंपत्ति को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक लाख रुपए का चेक सौंपा। मौका था भेंट मुलाकात कार्यक्रम ओडान का। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यादव एवं वर्मा दंपति को आशीष देते हुई जीवन की नई शुरुआत करने शुभकामनाएं दी।
उप संचालक समाज कल्याण ने बताया कि दिव्यांग डोमार यादव और कुछ उनकी पत्नी बोधनी यादव की निशक्तता 85 प्रतिशत है।ग्राम गाड़ाभाठा निवासी डोमार और बोधनी का विवाह इसी साल हुआ था। उन्हें मुख्यमंत्री निःशक्त प्रोत्साहन योजना के तहत एक लाख रुपए का चेक मुख्यमंत्री द्वारा भेंट किया गया। यादव दंपति ने बताया कि वे जीविकोपार्जन के लिए भजिया, बड़ा, समोसा की टपरी लगाते हैं। इससे 3-4 हज़ार रूपये की मासिक आय प्राप्त हो जाती है। मुख्यमंत्री से चेक ग्रहण करने से गदगद यादव ने कहा कि इस व्यवसाय को बढ़ाने और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनने में यह राशि मील का पत्थर साबित होगी। इसी प्रकार ग्राम फुंडहरडीह के दिव्यांग हुपेंद्र वर्मा और उनकी पत्नी वर्षा वर्मा को 50 हज़ार रूपये की राशि का चेक मुख्यमंत्री ने इस योजना के तहत भेंट किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया से यह सम्मान मिलना उनके लिए ऐतिहासिक पल है। दंपति ने शासन की इस योजना के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह राशि उनको आर्थिक सुरक्षा और संबल प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगी।
ग्राम चरौदा की गोठान समिति को मुख्यमंत्री के हाथों मिली बिजली चलित चाफ कटर मशीन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान आज कसडोल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम उड़ान में आगमन हुआ। भेंट मुलाकात के दौरान उन्होंने ग्राम पंचायत चरौदा की गोठान प्रबंधन समिति को पशुधन विकास विभाग की ओर से बिजली चलित चाफ़ कटर मशीन निःशुल्क वितरित की। मुख्यमंत्री ने प्रबंधन समिति के सदस्य चरणदास कोसले को अपने गौठान को स्वावलंबी बनाने हेतु प्रोत्साहित किया। पशुधन विकास विभाग के अधिकारी ने बताया गया कि उक्त मशीन राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत शत प्रतिशत अनुदान पर प्रदाय की गई, जिसका बाजार मूल्य लगभग 24 हज़ार रूपये है। उन्होंने बताया कि अब तक पशुचारा और घास चाफ कटर हस्तचलित यंत्र से काटा जाता था, लेकिन अब विद्युत से चलने वाली इस मशीन से समय और श्रम दोनों की बचत होगी। वहीं प्रतिदिन चारा की मात्रा में वृद्धि भी होगी।