बघेल सरकार ने इंक्रीमेंट पर लगाई रोक, अब नई भर्ती, एरियर, ट्रांसफर, बिजनेस क्लास ट्रैवल पर भी बैन
रायपुर. शासकीय खर्चों पर लगाम लगाने के लिए बघेल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने इंक्रीमेंट पर रोक लगा दी है. इसके अलावा नई भर्ती, एरियस, ट्रांसफर, बिजनेस क्लास से सफर पर भी बैन लगा दिया गया है. डीए के बाद कर्मचारियों के इंक्रीमेंट पर भी रोक लगाई गई है. राज्य सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर राजस्व में आई कमी को लेकर खर्च में कटौती का फैसला लिया है. राज्य सरकार ने नई नियुक्ति पर भी अप्रत्यक्ष तौर पर रोक लगा दी है. राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए निर्देश जारी किया है कि पीएसी की भर्ती और अनुकंपा नियुक्ति को छोड़कर तमाम पदों पर सीधी भर्ती के लिए वित्त विभाग की अनुमति के बिना कोई भर्ती नहीं होगी.
कर्मचारी और अधिकारियों के इंक्रीमेंट पर 1 साल के लिए रोक लगा दी गई है. राज्य सरकार ने आदेश दिया कि सभी शासकीय सेवकों को 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 के बीच इंक्रीमेंट पर रोक लगा दी गई है. सरकार का कहना है कि कोरोना की वजह से लगाए गए लाॅकडाउन के कारण सरकार के राजस्व पर काफी असर पड़ा है. इसके साथ ही महामारी की रोकथाम के लिए अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था भी तत्काल किया जाना है. इसे देखते हुए फिजूलखर्ची रोकने के लिए ये फैसला लिया गया है.
इसके साथ ही नए पदों का निर्माण, स्थानांतरण, महंगे होटलों में बैठकें, विदेश यात्रा और नए वाहनों की खरीदी पर रोक लगा दी गई है. वहीं रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नति, वार्षिक वेतन वृद्धि के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार स्थानांतरण पर प्रतिबंध है. स्थानांतरण केवल समन्वय में अनुमोदन के बाद ही किया जाएगा. स्थानांतरण पर अतिरिक्त व्यय भार को ध्यान में रखते हुए विभागों से यह अपेक्षा की गई है कि समन्वय में भी न्यूनतम स्थानांतरण किया जाए और अति आवश्यक होने पर खुद के व्यय पर स्थानांतरण को प्राथमिकता दिया जाए.
अपवाद को छोड़कर राज्य शासन के व्यय पर विदेश यात्राओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. शासकीय अधिकारियों के बिजनेस क्लास से हवाई यात्रा और प्रथम श्रेणी में रेल यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा. अनावश्यक एवं बिना सक्षम स्वीकृति के शासकीय भ्रमण प्रतिबंध रहेगा. विभागों को बैठकों का आयोजन न्यूनतम करने को कहा गया है. काॅन्फ्रेंस, सेमिनार, शासकीय समारोह के आयोजनों में कम खर्च, अति आवश्यक बैठक-कार्यक्रम का आयोजन महंगे होटलों की बजाय शासकीय भवनों में करने के निर्देश दिए गए हैं. बैठक अब वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं.
आदेश में कहा गया है कि विभागों द्वारा अति आवश्यक नवीन योजनाओं को ही चालू वर्ष में प्रारंभ करने की कार्रवाई-प्रस्ताव प्रेषित किया जाए तथा पूर्व से संचालित योजनाओं की अलग से समीक्षा की जाए, जो योजनाएं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनुपयोगी है, उनको समाप्त करने की कार्रवाई की जाए. वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान नई गाड़ियों की खरीदी पर प्रतिबंधित रहेगा. राज्य पोषित योजना के तहत प्रावधानित राशि जो कि संचित निधि से 31 मार्च 2020 तक अग्रिम आहरित कर बैंक खातों में रखी गई है को अर्जित ब्याज सहित 15 जून 2020 तक राज्य शासन के खाते में वापिस जमा की जाएगी. वित्त विभाग द्वारा जारी यह आदेश राज्य के शासकीय विभागों, कार्यालयों के साथ-साथ सभी निगम, मण्डल, आयोग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय और अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्थाओं में भी समान रूप से लागू होंगे. ये निर्देश 31 मार्च 2021 तक लागू रहेंगे.