छत्तीसगढ़

रायपुर : होली में खुशियां बिखेरने महिलाएं तैयार कर रहीं हर्बल गुलाल

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

केमिकल रहित गुलाल से निश्चिंत होकर बड़े-छोटे खेल सकेंगे होली

महिलाएं तैयार कर रहीं हर्बल गुलाल

रंगों के पर्व होली में खुशियां बिखरने गुलाल का विशेष महत्व है। बाजार में जो गुलाल उपलब्ध होते हैं, उनमें रसायनों की मिलावट के कारण त्वचा पर दुष्प्रभाव पड़ता है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में  कई महिला स्व-सहायता समूह केमिकल रहित हर्बल गुलाल तैयार कर रही हैं। सुकमा जिले में भी महिलाओं ने इस साल हर्बल गुलाल से होली खुशनुमा बनाने की तैयारी कर ली है। पंचायत के माध्यम से ग्राम नागारास के कोट्टीगुड़ा के मुस्कान समूह की दीदीयों को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। इससे जिलेवासियों को रसायन रहित रंग उपलब्ध होने के साथ महिलाओं के लिए आय का नया रास्ता खुला है।
समूह कीे दीदीयों ने बताया कि वे पहले रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य जाती थीं। पंचायत विभाग की मदद से पहली बार घर पर रहकर वे हर्बल गुलाल बना रही हैं। उन्होंने गुलाल बनाने के लिए मक्के का आटा और प्राकृतिक खाने वाले रंगों का इस्तेमाल किया है। गुलाल में खुशबु के लिए वे सुगंधित बॉडी पाउडर और बादाम के तेल का उपयोग करती हैं। उनके द्वारा निर्मित गुलाल से स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। इसे बड़ों के साथ साथ बच्चे भी निश्चिन्त होकर प्रयोग में ला सकते है। इस गुलाल से जलन और त्वचा पर खुजली की परेशानी भी नहीं होती। उन्होंने बताया कि पहली बार होने के कारण कम मात्रा में गुलाल बना रहें है, मांग बढ़ने के अनुसार उत्पादन में भी वृद्धि करेंगे।
ग्रामीण आजिविका मिशन के जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री महेन्द्र चौहान ने बताया कि मुस्कान समूह को पंखुड़ी संस्था के माध्यम से गुलाल बनाने से लेकर विक्रय तक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वेे लाल, हरा, पीला, नीला और गुलाबी रंगों के 2 क्विंटल गुलाल बना रहीं हैं। गुलाल को स्थानीय बाजार के साथ ही शबरी मार्ट में मात्र 30 रुपए में विक्रय किया जाएगा।

RO.No.- 12697 54

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker