छत्तीसगढ़

खादी आयोग से जुड़कर महिलाएं आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में नया कदम बढ़ा रहीं है- अजय सिंह

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

खादी व ग्रामोद्योग आयोग द्वारा मधुमक्खी पालन सह शहद कलेक्शन प्रशिक्षण व किट वितरण
खादी व ग्रामोद्योग आयोग द्वारा मधुमक्खी पालन में तकनीकी विशेषज्ञ एक से पांच साल तक इन बाक्सओ व मखियों का ध्यान रखने में पूरा सहयोग करेगी ।

करेला गौठान को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करते हुए विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही है।

राजनांदगांव : खादी एवम ग्रामोद्योग आयोग राज्य कार्यालय रायपुर द्वारा 28 फरवरी से 4 मार्च 2022 को ग्राम करेला, विकासखण्ड खैरागढ़ की 40 महिलाओ का चयन मधुमक्खी पालन सह शहद कलेक्शन प्रशिक्षण व किट वितरण किया गया।
खादी व ग्रामोद्योग आयोग के डायरेक्टर अजय सिंह ने बताया की 40 महिलाओ का चयन मधुमक्खी पालन सह शहद कलेक्शन प्रशिक्षण दिया जाकर जिसमे से
ग्राम करेला के गौठान में जय संतोषी एवं जय मां गायत्री महिला स्वसहायता समूह द्वारा मधुमक्खी पालन किया जा रहा है। गौठान की 20 महिला सदस्य मधुमक्खी पालन में संलग्र है। खादी ग्राम उद्योग के माध्यम से मधुमक्खी पालन के लिए 200 नग बी बाक्स उपलब्ध कराया गया। गंगा मैया व विध्वशनी महिला समूह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है व 20 महिलाओं की किट आने के बाद प्रदान की जावेगी। इन महिलाओं को मधुमक्खी पालन में कोई भी तकनीकी दिक्कत आने पर आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ एक से पांच साल तक इन बाक्सओ ब मखियों का ध्यान रखने में पूरा सहयोग करेगी । मधुमक्खी पालन के उत्पाद के रूप में शहद और मोम आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इससे कम लागत पर मधुमक्खी पालन एक सफल व्यावसाय साबित हो रहा है।
श्री सिंह ने आगे बताया कि खादी व ग्रामोधोग आयोग की योजनाओं के बारे मे बताते हुई बैंक लिंकेज, सब्सिडी के साथ ही परम्परागत उधोगों को बढ़ावा देने खादी आयोग निरन्तर जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। एक से पांच साल तक खादी आयोग 40 महिलाओं द्वारा मधुमक्खी पालन हेतु तकनीकी टीम के साथ पूरा सहयोग करेगी जिससे बाजार में शहद एवं इसके उत्पाद की बढ़ती मांग के कारण मधुमक्खी पालन एक लाभदायक और आकर्षक व्यावसाय के रूप में स्थापित हो रहा है। मार्किट के लिये यश शर्मा जो खादी की सामग्रीयो को ऑनलाइन प्लेटफार्म व ईमार्केट जोड़ रहे है जो उत्पादित सामग्रियों को बिक्री करेंगे
करेला क्षेत्र की जनपद सदस्य श्रीमती नागपुर ने बताया कि इस क्षेत्र में व्यवसाय व उधोग के बहुत चांस है आज आयोग द्वारा मधुमक्खी पालन का उधोग चालू कर पूरे क्षेत्र में करेला, खैरागढ़ व राजनांदगांव का नाम रौशन हुआ है व यहाँ की महिलाएं इस काम को करने के लिये प्रतिज्ञा बद्ध है।
ग्राम की सरपंच जो स्वयं महिला समूह से जुड़ी और मधुमक्खी पालन की ट्रैनिंग ली जिसमे उन्होनें बताया कि शुरुआत में मधुमक्खी काट लेगी उसका डर सभी महिलाओ को था लेकिन मास्टर ट्रेनर के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग लिये और आज हम मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालकर रानी मख्खी को पहचान व मोम, जेली, शहद निकल लेते है।
तकनीकी सहायक खादी आयोग मास्टर ट्रेनर मोहन साहू जी एक से पांच साल तक महिलाओं के साथ सहयोग व स्पोर्ट करेगी। हनी मिशन के श्री पी नायर ने बताया कि कर्त्तव्य सेवाभावी संस्था सहयोगी संस्था के रूप में काम कर रही है समाज सेवी प्रदीप शर्मा ने महिलाओं की उधोग स्थापित करने के लिये प्रेरित किया ।
श्रीमती रोशनी भगत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा गौठान में स्वसहायता समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट, मशरूम उत्पाद, साग-सब्जी उत्पादन के साथ-साथ अब मधुमक्खी पालन करने के दिशा में आगे बढ़ रहीं है। शासन द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। गौठान को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करते हुए विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की पहल पर खैरागढ़ विकासखंड के ग्राम करेला की स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा गौठानों में मधुमक्खी पालन किया जा रहा है।

RO.No.- 12697 54

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker