यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों को स्मृति ईरानी ने उनकी भाषा में दी बधाई, जानिए अपडेट
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए भारत सरकार का ‘ऑपरेशन गंगा’ जारी है। यूक्रेन का हवाई मार्ग बंद होने के बाद भारतीय छात्रों को यूक्रेन से सटे देशों में लाया जा रहा है और वहां से विशेष विमानों के जरिए स्वदेश लाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत चार मंत्रियों को यूक्रेन से सटे देशों में भेजा है। विशेष दूत बनकर गए ये मंत्री वहां से छात्रों को रवाना कर रहे हैं और यहां भी मंत्री रिसीव कर रहे हैं। बुधवार सुबह आए एक विमान के छात्रों का केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने स्वागत किया। स्मृति ईरानी ने अलग-अलग भाषाओं में छात्रों को वेलकम किया और उनके साहस की तारीफ की।
यूक्रेन से छात्रों को लाने के अभियान में शामिल होगी वायुसेना
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस-यूक्रेन जंग में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने के अभियान “आपरेशन गंगा” में भारतीय वायुसेना को भी शामिल होने का निर्देश दिया है। इसके बाद वायुसेना ने तत्काल तैयारियां शुरू कर दीं। वह इस अभियान में अपने सबसे बड़े परिवहन विमानों सी-17 ग्लोबमास्टर को लगाएगी।
“आपरेशन गंगा” को गति देने के लिए प्रधानमंत्री ने वायुसेना को इसमें शामिल होने के लिए कहा है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वायुसेना के विमानों के आपरेशन में शामिल होने से भारतीयों के यूक्रेन से लौटने की प्रक्रिया गति पकड़ेगी और उनकी संख्या में भी वृद्धि होगी। साथ ही भारत से भेजी जा रही राहत सामग्री भी तेजी से पहुंचेगी। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि पहला सी-17 विमान बुधवार को रोमानिया के लिए उड़ान भर सकता है। इस विमान को तड़के चार बजे हिडन एयरबेस से उड़ान भरनी है।
प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद भारतीय वायुसेना ने भी कहा कि यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए जिस तरह की भी जरूरत है, उसके लिए वह तैयार है। हालांकि वायुसेना ने आपरेशन गंगा के तहत अपने विमानों की उड़ान का विस्तृत ब्योरा अभी जारी नहीं किया है। सी-17 ग्लोबमास्टर में एक साथ 300 से 400 लोगों को लाया जा सकता है।
मालूम हो कि पिछले साल अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुए हालात में वहां से भारतीय नागरिकों के अलावा अफगानी हिदुओं और सिखों को भारत लाने के लिए भी वायुसेना ने विशेष अभियान चलाया था। इसमें भी वायुसेना ने अपने सी-17 विमानों को लगाया था।