छत्तीसगढ़

भोलेनाथ के ब्याह पर तेल-हल्दी की रस्म पर महिलाएं ने गाए मंगल गीत

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महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ के विवाह के पहले महिलाओं ने हल्दी-तेल लगाने की रस्म निभाई। इसके बाद महिलाओं ने एक-दूसरे के गाल पर हल्दी लगाई। ढोल-नगाड़े बजाकर बधाई गीत गाते हुए जमकर नृत्य किया। भोलेनाथ के विवाह पर चार दिवसीय रस्म का शुभारंभ होते ही मंदिर के आसपास का पूरा इलाका भक्तिभाव में झूम उठा।

आज शाम को निकलेगी बरात

श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर के नीलकंठ त्रिपाठी ने बताया कि दूसरे दिन सोमवार को शाम चार बजे भव्य बरात निकाली जाएगी। बरात में श्रद्धालु भूत, प्रेत, देवी-देवताओं का रूप धारण कर शामिल होंगे। नहरपारा से बरात निकलकर आसपास के इलाकों से होते हुए वापस मंदिर परिसर पहुंचेगी। रात्रि में संतों, पुजारियों के नेतृत्व में शिवलिंग का भस्म अभिषेक किया जाएगा।

आज शिवलिंग का औषधियों से शृंगार

चार दिवसीय आयोजन के तीसरे दिन महाशिवरात्रि का पर्व मंगलवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। दोपहर से रुद्राभिषेक करने के लिए श्रद्धालु पहुंचेंगे। रुद्राभिषेक के बाद संगीतमय रामायण पाठ में भक्तिभाव छाएगा। शाम को शिवलिंग का विशेष औषधियों से श्रृंगार किया जाएगा। रात तक श्रद्धालु श्रृंगारित रूप का दर्शन कर सकेंगे। रात्रि में श्रृंगार उतारने के बाद पुन: रुद्राभिषेक का सिलसिला शुरू होगा जो रातभर चलेगा। चौथे और आखिरी दिन अखंड रामायण पाठ के समापन पर दोपहर को आरती की जाएगी। इसके बाद शाम को महाभंडारे का आयोजन किया गया है।

गायत्री पीठ में आज गायत्री मंत्र का अखंड जाप

महाशिवरात्रि से एक दिन पहले सोमवार को गायत्री शक्तिपीठ समता कालोनी में गायत्री मंत्र का जाप किया जाएगा। सुबह से लेकर शाम तक लगातार जाप किया जाएगा।

51 फीट ऊंची प्रतिमा का आकर्षण

राजधानी के महादेवघाट स्थित हटकेश्वर महादेव, बूढ़ापारा के बूढ़ेश्वर मंदिर, मठपारा के नीलकंठेश्वर, रावांभाठा के बंजारी मंदिर परिसर में 20 फीट ऊंची शिव प्रतिमा और मोतीबाग के समीप 51 फीट ऊंची प्रतिमा का दर्शन करने श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ेगा।

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