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सोम प्रदोष व्रत- पांच योग का संयोग, जीवनसाथी पाने करें शिव पूजा

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रायपुर। हर साल 14 फरवरी को प्रेम के प्रतीक रूप में मनाया जाने वाला वैलेंटाइन डे सोमवार को पड़ रहा है। इसी दिन सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि सोम प्रदोष व्रत पर भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से मनपसंद जीवनसाथी मिलता है। सोम प्रदोष व्रत वाले दिन ही पांच योगों का संयोग बन रहा है, जिसे नए कार्य की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है।

ज्योतिषाचार्य पं.विनीत शर्मा के अनुसार 14 फरवरी को आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, सर्वार्थसिद्धि योग, रवि योग का संयोग बन रहा है। साथ ही इसी दिन पुष्य नक्षत्र भी है। पुष्य नक्षत्र सुबह 11.55 बजे से शुरू होगा। ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को 27 नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। जिस दिन पुष्य नक्षत्र होता है, उस दिन खरीदारी करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है और नए कार्य शुरू करने से व्यापार, नौकरी में प्रगति होती है। इसी दिन चंद्रमा अपनी राशि कर्क में विद्यमान रहेगा। जब चंद्रमा अपनी राशि में होता है तो उसे शुभ माना जाता है।

पांच योग में पूजन शुभ फलदायी

पं.शर्मा के अनुसार पुष्य नक्षत्र में इष्टदेवों की पूजा करना चाहिए। चूंकि सोम प्रदोष व्रत वाले दिन पुष्य नक्षत्र है और सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करने का महत्व है, इसलिए यह संयोग खास फलदायी साबित होगा। पांच योगाें के संयोग में भगवान भोलेनाथ का जल, दूध, दही, शक्कर, शहद से अभिषेक करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा होगी।

जीवनसाथी पाने करें शिव पूजा

ऐसी मान्यता है कि भगवान शंकर और पार्वती की पूजा-अर्चना करने और सोमवार का व्रत रखने से मनपसंद जीवनसाथी की कामना पूरी होती है। भोलेनाथ के भक्त 16 सोमवार का व्रत रखते हैं, ताकि अच्छा जीवनसाथी

मिले। सोमवार का व्रत करने की शुरुआत यदि सोम प्रदोष व्रत वाले दिन से की जाए तो इसका खास महत्व है।

प्रदोष काल में शिव पूजन

सोमवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि रात साढ़े आठ बजे तक है। प्रदोष काल का व्रत दिनभर रखकर शाम को शिवजी की पूजा की जाती है। संध्या काल का समय प्रदोष काल के लिए उपयुक्त होता है।

ऐसे रहेगा योगों का संयोग

सोम प्रदोष व्रत पर सोमवार की रात लगभग साढ़े नौ बजे तक आयुष्मान योग का संयोग है। इसके पश्चात सौभाग्य योग प्रारंभ होगा। साथ ही रवि योग दोपहर 12 बजे तक और दिनभर सर्वार्थि सिद्धि योग है। एक साथ पांच संयोग में किया गया कार्य विशेष फलदायी होगा।

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