3 कृषि काले कानून वापसी भाजपा की हार और मजबूत इच्छाशक्ति किसान आंदोलन की जीत है -शाहिद भाई
शहीद कृषक परिवार को मुआवजा देकर किसानों की आय दुगुनी करने की योजना सार्वजनिक करे केंद्र सरकार
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई ने केंद्र की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश का नेतृत्व एक ऐसे अदूरदर्शि व्यक्ति के हाथ में है जिसे आम जनता से कोई लेना-देना नहीं और चंदपूंजीपतियों के लिए कठपुतली की तरह उनकी जेब भरने वाले रोबोट की तरह काम कर रहे हैं । वहीं भूपेश बघेल जी के नेतृत्व वाली छ ग की कांग्रेस सरकार ने किसानो का कर्ज माफ कर, न्याय योजना लागू कर ,भाजपा राज में किसानो पर दर्ज प्रकरण वापस लेकर किसानों की स्थिति को सुधारा है जिससे कृषि से दूर हुए कृषकों को पुनः खेती से जोड़ने का पुण्य कार्य कर रही है परिणामस्वरूप जहां छग में कृषि का रकबा बढ़ने के साथ उत्पादन भी बढ़ा है तो इसमें केन्द्र सरकार बाधा उत्पन्न करने की लगातार साजिश व फरमान जारी कर रही है।
महामंत्री शाहिद भाई ने कहा कि तीन काले कृषि कानून को लादकर मोदी सरकार ने जो किसानों के प्रति अपना क्रूर चेहरा दिखाया वह अपने आप में काला अध्याय है । देश के युवा तुर्क राहुल गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस ने लगातार किसानों की आवाज उठा कर और किसानों ने मजबूत आत्मविश्वास के साथ जो संघर्ष किया अंततः प्रधानमंत्री को थोपे तीन कृषि काले कानून को वापस लेना पड़ा। आज भी देश की जनता पूछ रही है कि नोटबंदी से किसे फायदा हुआ और कितना पैसा बैंकों में जमा हुआ ? जीएसटी लागू कर 100 से ज्यादा बार जीएसटी कानून में बदलाव कर अपनी अदूरदर्शीता से व्यापारियों को परेशान कर देश की जनता को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। 2022 को मात्र 20 दिन शेष है और किसानों की आय को 2022 तक दुगुना करने की दम भरने वाली मोदी सरकार किसानों के आय बढ़ाने की कोई कार्ययोजना तक नही बता पाई तो कम से कम 2022 में योजना ही सार्वजनिक कर दे केंद्र सरकार क्योंकि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के साथ-साथ उन्हें लाभकारी मूल्य भी देने की आवश्यकता है देश के किसान 72000 रु के ओसत कर्ज से दबा हुआ है उनके कर्ज को माफ करने के लिए मोदी सरकार फूटी कौड़ी नहीं होने की बात करती है जबकि 10 लाख करोड रुपए अपने पूंजीपति मित्रों के कर्ज माफ कर अपनी पूंजीवादी नीति का प्रदर्शन किया है भारत सरकार की एनएसओ ने किसानों की आय को 27 रु प्रतिदिन मानकर यह साबित कर दिया कि मनरेगा मजदूरो से भी बदतर स्थिति भारतीय कृषकों की है डीजल में एक्साइज ड्यूटी 3.50 पैसे से बढ़ाकर 21.80 पैसे कर खाद पर 5% कीटनाशक दवाइयों पर 18% लगाकर ट्रैक्टर व कृषि यंत्र पर 12% जीएसटी लगाना किसान विरोधी नीति लगातार लागू भाजपा करती रही है।मोदी सरकार के खिलाफ भारत के किसानों ने महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलकर जो अनुशासन मर्यादित मुद्दों पर आधारित 378 दिन आंदोलन किया उसका सुखद परिणाम आज पूरे विश्व के सामने हैं इस जीत के लिए किसान साथियों को बधाई शुभकामनाएं के साथ-साथ शहीद किसानों को नमन एवं युवा नेतृत्व राहुल गांधी जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए पुनःकहा की अब यह साबित हो गया है कि भाजपा और मोदी सरकार के हार में ही जनहित निहित है।