हीरा कारोबारी समूह के ठिकानों पर IT का छापा, करोड़ों रुपयों की कर चोरी का दावा
आयकर विभाग ने गुजरात के एक अग्रणी हीरा निर्माता एवं निर्यातक के यहां छापेमारी में करोड़ों रूपये की कर चोरी का पता लगाया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि आयकर विभाग ने गुजरात के अग्रणी हीरा निर्माता एवं निर्यातक के यहां छापेमारी की। इस दौरान करोड़ों रुपये की कर चोरी का खुलासा हुआ है। 22 और 23 सितंबर 2021 को समूह के परिसर पर यह छापेमारी की गई। मामले में छापेमारी की कार्रवाई अब भी चल रही है।
बिना हिसाब-किताब के की छोटे हीरों की खरीद-बिक्री
इस संदर्भ में सीबीडीटी ने एक वक्तव्य में कहा कि, ‘आंकड़ों के शुरुआती आकलन से यह पता चला कि समूह ने 518 करोड़ रुपये के छोटे व पॉलिश वाले हीरों की खरीद एवं बिक्री बिना हिसाब-किताब के की।’ मालूम हो कि इस समूह का महाराष्ट्र के मुंबई और गुजरात के सूरत, नवसारी, मोरबी और वांकानेर (मोरबी) में टाइल उत्पादन का व्यवसाय भी है।
1.95 करोड़ रुपये की नकदी एवं गहने बरामद
आगे सीबीडीटी ने वक्तव्य में कहा कि छापेमारी के दौरान 1.95 करोड़ रुपये की नकदी एवं गहने बरामद किए गए है। इसके साथ ही 8900 कैरेट के हीरों का भंडार भी बरामद किया गया है। इसकी कीमत 10.98 करोड़ रुपये है। मामले में बरामद की गई इन वस्तुओं का कोई लेखा जोखा नहीं है।
इतना ही नहीं, बड़ी संख्या में समूह के लॉकरों को भी चिह्नित किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में इस कंपनी के माध्यम से 189 करोड़ रुपये की खरीद और 1040 करोड़ रपपये की बिक्री की गई है।
आयकर विभाग के लिए नीति बनाने वाली संस्था ने कहा कि समूह बड़ी मात्रा में कच्चे डायमंड का आयात कर रहा था और हांगकांग में रजिस्टर्ड कंपनी के जरिए बड़ी हीरों का निर्यात कर रहा था, जिसे प्रभावी रूप से भारत से ही नियंत्रित और प्रबंधित किया जाता है।