11 हजार बच्चों को छात्रावासों व आश्रम शालाओं के पट खुलने का इंतजार
राजनांदगांव। शासन ने सरकारी हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों को तो सशर्त खोलने की अनुमित दे दी है, लेकिन छात्रावासों व आश्रम शालाओं के पट अब भी बंद ही हैं। जिले में 159 छात्रावास व आश्रम शालाएं हैं जहां करीब 11 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। खोलने की अनुमति नहीं होने के कारण वे अब भी अपने घरों पर ही हैं। इससे उनकी पढ़ाई अन्य बच्चों की तरह पटरी पर नहीं लौट सकी है। छात्रावास व आश्रम शालाओं में ज्यादातर आदिम जाति कल्याण विभाग के अधीन है। वहां वनांचल के बच्चे रहकर पढ़ाई करते हैं, लेकिन पट बंद होने की वजह से उनकी पढ़ाई रूकी हुई है। 10वीं व 12वीं बोर्ड के बच्चों की पढ़ाई ठप होने से पालक भी चिंतित हैं। छात्रावासों व आश्रम शालाओं में होली के पहले से ताले लगे हुए हैं। त्योहार मनाकर उन्हें मार्च अंत तक लौटना था, लेकिन उसी समय कोरोना की दूसरी लहर की दस्तक के कारण शासन ने छात्रावासों को बंद रखने का आदेश जारी कर दिया, तब से वहां ताले लगे हुए हैं। एमएल देशलहरा, सहायक आयुक्त, आजाकवि ने कहा कि जिले के तीनों एकलव्य विद्यालयों को खोल दिया गया है। वहां आफलाइन पढ़ाई भी जारी है। छात्रावासों व आश्रमों को फिलहाल बंद ही रखा गया है। राज्य शासन के निर्देश के बाद ही उन्हें खोला जा सकेगा।
एकलव्य विद्यालयों में पढ़ाई शुरू जिले में कुल 159 ऐसे शैक्षणिक संस्थान हैं जहां आवासीय शिक्षा दी जाती है। इनमें पांच विशेष शालाएं भी शामिल हैं। तीन एकलव्य विद्यालयों के अलावा अंबागढ़ चौकी में कन्या शिक्षा परिसर व कन्या क्रीडा परिसर के रूप में भी दो आवासीय विद्यालय हैं। एकलव्य में 10-12वीं की कक्षाएं आफलाइन शुरू हो चुकी है। बाकी जगह अभी पढ़ाई बंद है। उधर 8वीं तक के बच्चों की भी पढ़ाई छात्रावासों में ताले लगे होने के कारण अब तक शुरू नहीं हो सकी है।
सताने लगी पढ़ाई में पिछड़ने की चिंता बताया गया कि एकलव्य विद्यालयों में 420-420 सीटें हैं। बाकी छात्रावासों में में 50 से 100 बच्चों की क्षमता है। कुल करीब 11 हजार विद्यार्थियों में से चार हजार से अधिक बच्चे 10वीं व 12वीं बोर्ड वाले हैं। आफलाइन पढ़ाई दो माह पहले से शुरू हो चुकी है। पाठ्यक्रम का चौथाई हिस्सा भी लगभग पूरा होने को है, लेकिन घर पर ही फंसे छात्रावासी विद्यार्थियों की पढ़ाई ठप है। अब उन्हें पाठ्यक्रम में पिछड़ने की चिंता सताने लगी है। हालांकि बस्तर संभाग में छात्रावास खोले जा चुके हैं। इस कारण यहां भी जल्द ही पट खुलने की संभावना जताई जा रही है।