निजी स्कूलों में पढ़ सकेंगे गरीब परिवार बच्चे

राजनांदगांव। गरीब बच्चों का निजी स्कूलों में पढ़ने का सपना साकार होगा। गरीब तबके के छात्र लंबे समय से निजी स्कूलों में प्रवेश मिलने का इंतजार कर रहे थे। आरटीइ के तहत निजी स्कूलों में 4500 सीट है। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा पहले चरण की लाटरी में 2204 बच्चों को सीट आवंटित कर दिया है। आवंटित स्कूलों में जल्द बच्चों को प्रवेश देने की प्रकिया शुरू होगी। आरटीइ के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को निश्शुल्क पाठ्य पुस्तक भी उपलब्ध कराया जाएगा। शिक्षा के अधिकार के तहत जिले के निजी स्कूलों में 25 फीसद सीट गरीब बच्चों के लिए आरक्षित रखा गया है। पहले चरण की लाटरी में 2204 बच्चों को सीट आवंटित करने के बाद शिक्षा विभाग के अफसर दूसरे चरण की लाटरी निकालने की तैयारी में जुट गए हैं। इस बार आवेदनों को अच्छी तरह से स्क्रूटनी कर पोर्टल में अपलोड किया जाएगा। क्योंकि पिछले बार आवेदनों की स्क्रूटनी नहीं होने के कारण लाटरी निकालने में देर हुई थी।
फिर से लेंगे आवेदन निजी स्कूलों में आरक्षित सीट से आधी सीट भी नहीं भर पाई है। इसके लिए दूसरे चरण की लाटरी निकाली जाएगी। दूसरे चरण की लाटरी के लिए फिर से आवेदन करना होगा। इसके लिए जल्द ही तिथि निर्धारित की जाएगी। तिथि निर्धारित होते ही पालकों से आवेदन मंगाया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण की लाटरी भी रायपुर में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा निकाला जाएगी। इसके पहले आवेदन का सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के दौरान दस्तावेजों में कमीबेस को दूर किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता नहीं शिक्षा के अधिकार के तहत हर साल सैकड़ों सीट रिक्त रह जाती है। इसकी मुख्य वजह ग्रामीण क्षेत्र के पालक इस ओर ज्यादा जागरुक नहीं है। इस बार भी आरटीइ के तहत निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से कम आवेदन आए हैं। ग्रामीण क्षेत्र के पालकों को विशेष रूप से जागरुक करने अफसरों को निर्देश दिए गए हैं। ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे आरटीइ का लाभ उठा सकें। बता दें कि पहले चरण की लाटरी में 3600 आवेदन मान्य किए गए थे। मान्य आवेदनों आधार पर लाटरी निकाली गई। लाटरी के माध्यम से 2204 बच्चों को सीट आवंटित किय गया। तकरीबन 540 आवेदन पेडिंग हैं।
2204 सीट बच्चों को आवंटित पहले चरण की लाटरी निकल गई है। 2204 बच्चों को सीट आवंटित कर दिया गया है। जल्द ही बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा।