प्रदर्शन में साथ दे रहे नेता को उठाया तो कोतवाली घेरा, सीएसपी-आयुक्त ने मांगें मानी तब हटे पीछे
शहर में सफाई की बागडोर संभालने वाली स्वच्छता दीदीयों ने निगम से थाने तक जमकर हंगामा मचाया। अपनी मांगों को लेकर स्वच्छता दीदीयां निगम का घेराव करने पहुंचीं थीं, लेकिन उन्हें भीतर घुसने नहीं दिया गया, मौके पर मौजूद पुलिस की टीम ने स्वच्छता दीदीयों का नेतृत्व कर रहे जोगी कांग्रेस के नेता को हिरासत में ले लिया। इसके बाद मामला और बिगड़ता चला गया। करीब दो घंटे तक स्वच्छता दीदीयों ने कोतवाली थाने को घेरे रखा ।
मामला अतिरिक्त काम लेने, मानदेय में कटौती और सुपरवाइजरों के दुर्व्यवहार का है। शहर के 17 एसएलआरएम सेंटर्स में काम करने वाली स्वच्छता दीदीयों ने बताया कि वे डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करती हैं, इसके बाद एसएलआरएम सेंटर्स में कचरा छांटने का भी काम करती हैं। लेकिन अब उन्हें शहर के गौठानों में भी अतिरिक्त काम करने कहा जा रहा है। इसके लिए कोई अलग से मानदेय नहीं दिया जाएगा। उन्होंने जब गौठानों में काम करने से मना किया तो काम से निकाल देने और मानदेय में कटौती की धमकी दी जा रही है। सप्ताह भर पहले उन्होंने मामले को लेकर आयुक्त को ज्ञापन दिया था, सुनवाई नहीं हुई।
निगम से लौटाया, नेतृत्व कर रहे नेता को उठाया तो स्वच्छता दीदीयां नाराज हो गईं
स्वच्छता दीदीयां जोगी कांग्रेस के युवा विंग नेता शमशुल आलम के नेतृत्व में नारेबाजी करते निगम कार्यालय पहुंची, लेकिन उन्हें निगम में प्रवेश नहीं दिया गया। इसके बाद महिलाएं महावीर चौक में पहुंचकर नारेबाजी करने लगीं। सीएसपी लोकेश देवांगन ने मौके पर पहुंचकर उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन सभी प्रदर्शन करते रहे। इसी दौरान पुलिस ने सख्ती दिखाई और स्वच्छता दीदीयों का नेतृत्व कर रहे शमशुल को हिरासत में लिया ।
कोतवाली थाने में जमकर नारेबाजी, दो घंटे घेरे रखा, लौटने को तैयार नहीं थीं
प्रदर्शन में साथ दे रहे नेता की गिरफ्तारी के बाद स्वच्छता दीदीयां आक्रोशित हो गईं । उन्होंने कोतवाली थाने का घेराव कर दिया। नोरबाजी करते हुए सभी थाना परिसर में ही बैठ गईं। पुलिस की तमाम समझाइश के बाद भी वे लौटने तैयार नहीं हो रहीं थीं, स्वच्छता दीदीयों की मांग थी कि पहले शमशुल को पुलिस छोड़े इसके बाद ही वे वापस लौटेंगी। देर शाम तक चली नारेबाजी के बाद आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी व एसडीएम मुकेश रावटे मौके पर पहुंचे।
बोलीं – कोरोना में भी कचरा उठाते रहे, अब धमकी दे रहे
आयुक्त को महिलाओं ने बताया कि कोरोना काल में भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। कोविड सेंटर व हास्पिटल से लेकर होम आईसोलेट मरीजों तक का कचरा उठाती रहीं। लेकिन अब उन्हें काम से निकाल देने की धमकी दी जा रही है। एसएलआरएम सेंटर्स की सुपरवाइजर दुर्व्यवहार करती हैं। मानदेय काटा जा रहा है, कुछ मिनट देर से आने पर अनुपस्थिति लगा दी जा रही है। आयुक्त ने बात सुनने के बाद उन्हें निराकरण का आश्वासन दिया और शनिवार को बैठक रखने की बात कही ।
सीएसपी ने जब रिहा करने का आश्वासन दिया तब हटीं
आयुक्त के सामने अपनी बात रखने के बाद भी महिलाएं हिरासत में लिए शमशुल को छोड़ने की मांग पर अड़ी रहीं। सीएसपी देवांगन ने उन्हें आश्वस्त किया कि कुछ ही देर में शमशुल को छोड़ दिया जाएगा। उनके सामने ही फोन पर शमशुल को छोड़ देने का आदेश दिया, इसके बाद महिलाओं ने थाना परिसर खाली किया। शमशुल को हिरासत में लेने के दौरान सफाई कर्मी महिलाओं और पुलिस के बीच जमकर झूमाझटकी भी हुई। महिलाएं खासी नाराज थीं।
सुपरवाइजर्स पर कबाड़ बेचने का भी लगाया आरोप
प्रदर्शन कर रही स्वच्छता दीदीयों ने आरोप लगाया कि डोर टू डोर कलेक्शन के दौरान जो कबाड़ एसएलआरएम सेंटर्स में पहुंचता है, उन्हें सेंटर्स की सुपरवाइजर बेच रही हैं। इनमें निगम के कुछ अफसरों की भी मिली भगत हैं। आरोप है कि हर महीने एक -एक सेंटर्स से 20 से 25 हजार रुपए का कबाड़ बिक रहा है। जिसकी राशि सुपरवाइजर खुद ही गबन कर रहे हैं। जबकि कबाड़ उनके हिस्से में आता है। इसके लिए शासन ने आदेश भी जारी किया है।