शहर के सभी सेंटर्स ड्राई, आज नहीं लगेगी वैक्सीन, ग्रामीण इलाकों में सिर्फ एक घंटे का ही स्टॉक

जिले में वैक्सीनेशन पटरी से उतर गई है। सोमवार को शहर के सेंटर्स में 12 हजार से अधिक लोगों को वैक्सीन लगी। इसके बाद नई खेप नहीं पहुंची। इसके चलते मंगलवार को शहर के किसी भी सेंटर में वैक्सीनेशन नहीं होगा। नई खेप कब तक पहुंचेगी यह भी अफसर स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। इधर मंगलवार को वैक्सीनेशन के लिए ग्रामीण इलाकों के सीएचसी व पीएचसी को तय किया गया है। लेकिन इन हिस्सों के लिए भी महज 6 हजार डोज ही मौजूद है।
ऐसे में वैक्सीनेशन शुरू होने के पहले ही घंटे में मौजूदा स्टॉक भी खत्म हो जाएगा। इसके बाद ग्रामीण इलाकों में भी वैक्सीनेशन पर ब्रेक लग जाएगी। जिले में अब तक 5 लाख 20 हजार 893 लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है, इनमें 87 हजार 588 लोगों को दूसरी डोज भी लग गई है । वैक्सीनेशन को लेकर जिले में उत्साह की हर बनी हुई थी, लेकिन अचानक ही टीके की कमी से अब व्यवस्था पटरी से उतरने लगी है।
सोमवार को भी बड़ी संख्या में लोग शहर के वैक्सीनेशन सेंटर में पहुंचते रहें, लेकिन लिमिटेड स्टॉक के चलते बहुत से लोगों को वापस लौटना पड़ा। इधर कोविशिल्ड की दूसरी डोज के उम्मीद में पहुंचे लोगों को भी मायूस होकर लौटना पड़ गया ।
सोमवार को 12 हजार से अधिक को लगी वैक्सीन, आज के लिए सिर्फ 6000 डोज
शहर से गांव तक लग रही कतार, स्वस्फूर्त आ रहे लोग
शुरुआती दौर में वैक्सीनेशन के लिए लोगों को जागरुक करना पड़ा था, काफी मशक्कत के बाद लोग सेंटर्स तक पहुंच रहे थे। लेकिन अब पूरी स्थिति बदल गई है। शहर से लेकर गांव तक और वनांचल के केंद्रों में भी वैक्सीन लगाने के लिए कतार लग रही है। जिले में रोजाना औसत 18 हजार लोगों को वैक्सीन लगती रही है, अब वैक्सीन की कमी ने लोगों के उत्साह को प्रभावित कर दिया है। लोग टीके की उपलब्धता की जानकारी लेने के लिए सेंटर्स में पहुंच रहे हैं।
वैक्सीन नहीं आई तो टारगेट के लिए और अधिक समय
वैक्सीन की अगली खेप कब पहुंचेगी, इसे लेकर अफसर भी कुछ स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। वैक्सीन का संकट पूरे प्रदेश में है। ऐसे में अगली खेप में जिले को जरूरत के मुताबिक भी वैक्सीन मिलने की संभावना कम ही है। ऐसे में जिले में वैक्सीनेशन का लक्ष्य निर्धारित समय से दूर होता जा रहा है। रोजाना 18 हजार की औसत से वैक्सीनेशन जारी रहा, तो अगले 30 दिन में लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
भीड़ के चलते निगरानी कक्ष की व्यवस्था हो गई फेल
इधर वैक्सीनेशन के लिए पहुंच रही भीड़ के चलते निगरानी कक्ष की व्यवस्था भी फेल हो गई है। नियम के मुताबिक वैक्सीनेशन के बाद हर हितग्राही को 15 मिनट निगरानी कक्ष में रखा जाना है। इसके बाद ही उन्हें सेंटर से बाहर भेजे जाने का निर्देश है। लेकिन भीड़ इस संख्या में पहुंच रही है, कि निगरानी कक्ष में रोकना संभव हीं हो पा रहा है। यही वजह है कि वैक्सीन लगते ही लोगों को सीधे घर भेज रहे हैं।
इधर बड़ी राहत, संक्रमण दर 0 फीसदी से भी नीचे गिरी, जिले के सेंटर्स खाली
वैक्सीनेशन के बीच कोरोना संक्रमण को लेकर भी राहत वाली स्थिति है। जिले में पॉजिटिव दर 0 फीसदी से भी नीचे चली गई है। इससे जिला प्रशासन को काफी राहत मिली है। वहीं कोरोना से होने वाले मौत की संख्या भी थमी हुई है। जिले के सभी कोविड केयर सेंटर्स खाली हो गए हैं। जिसके चलते यहां ताला लगा दिया गया है। एक्टिव केस भी 250 से नीचे आ गया है। हालांकि तीसरी लहर और महाराष्ट्र में सामने आए डेल्टा वैरिएंट के खतरे को देखते हुए बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी गई है।
बगैर जांच महाराष्ट्र दिशा से आने वाले वाहनों को एंट्री नहीं दी जा रही है। इधर शहर सहित ग्रामीण इलाकों में भी मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के नियम का पालन करने को लेकर लोगों को लगातार अलर्ट किया जा रहा है। अब लोग भी कोरोना से बचने एहतियात बरत रहे हैं।