खरीदी केंद्रों में अब ढाई लाख क्विंटल धान ही शेष
समर्थन मूल्य पर किसानों से की गई धान की खरीदी के बाद उठाव में देरी के चलते शॉर्टेज की समस्या सामने आ रही है। हर खरीदी केन्द्र में धान कम मिल रहा है। मार्कफेड की ओर से अब तक जिले की तीन सोसाइटियों के धान का मिलान किया गया है। यहां भी धान का शॉर्टेज सामने आया है।
जिले में इस बार 139 खरीदी केंद्रों के माध्यम से किसानों का धान खरीदा गया। हालांकि उठाव के मामले में पूरे प्रदेश में राजनांदगांव जिला फिलहाल अव्वल है। तीन हजार टन प्रतिदिन का उठाव का आंकड़ा सामने आया हैै। मार्कफेड की ओर से उठाव में देरी की गई। मिलर्स धान खराब होने की शिकायत करते आ रहे हैं।
दबाव बनाए जाने के बाद से मिलर्स ने भी उठाव तेज कर दिया। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने बताया कि 15 जून को 90 हजार 437 टन धान था, जो अब घटकर 40 हजार 606 टन पहुंच गया है। मतलब पिछले 15 दिन में 50,000 टन उठाया गया, जो प्रदेश में सर्वाधिक लगभग 3000 टन प्रतिदिन का उठाव किया गया है।
छापामार कार्रवाई की गई
कस्टम मिलिंग का अनुबंध करने के बाद भी उठाव नहीं करने वाले मिलर्स के मिलों में छापामार कार्रवाई तक की गई। रिकॉर्ड में 76 लाख क्विंटल धान की खरीदी इस बार की गई है। खरीदी केंद्रों में अब केवल ढाई लाख क्विंटल धान ही शेष है। डीएमओ सौरभ भारद्वाज का कहना है कि उठाव के लिए अब ज्यादा धान नहीं बचा है। वहीं तीन केंद्रों में धान का मिलान किया गया है। यहां पर नॉर्मल शॉर्टेज कर समस्या सामने आई है।