जेलों में कोरोना का कहर कम करने पेरोल पर छोड़े जाएंगे कैदी
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पांच केंद्रीय जेल समेत जिला और उपजेलों में कोरोना का कहर जारी है। पिछले कई दिनों से लगातार कैदी संक्रमित हो रहे हैं। वहीं, पांच से अधिक की मौत भी हो चुकी है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को कम करने अब राज्य भर से दस हजार कैदी पैरोल व अंतरिम जमानत पर छोड़े जाएंगे।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों आदेश देते हुए इस पर अंतिम फैसला लेने का अधिकार राज्य के हाई पावर कमेटी पर छोड़ दिया था। गुरुवार को इस मामले में छत्तीसगढ़ के स्टेट लिगल ऑथारिटी कमेटी ने जेल अधीक्षकों को एक पत्र भेजा है। सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के अनुसार गुरुवार को एक आदेश भी जारी किया गया है।
डीआईजी जेल केके गुप्ता ने नईदुनिया को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई पावर कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि जिन कैदियों को पिछले वर्ष कोरोना का लाभ देते हुए पैरोल एवं अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया, उन सभी को इस साल भी 90 दिन के लिए पैरोल एवं अंतरिम जमानत दिया जाए।
छत्तीसगढ़ सरकार ने जेल में बंद कैदियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर छोड़ने जा रही है। यह आदेश पिछले साल पेरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़े गए कैदियों को लेकर जारी किया गया था। वहीं सात साल से ज्यादा की कारावास काट रहे कुछ कैदियों पर भी यह आदेश लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों कैदियों को छोड़ने का आदेश दिया था। इसके बाद जस्टिस प्रशांत मिश्र की अध्यक्षता वाली राज्य की हाई पावर कमेटी ने इसकी अनुशंसा की। गौरतलब है कि पिछले साल भी करीब 20 हजार बंदियों को पेरोल, जमानत पर छोड़ा गया था।
ऐसे विचारधीन कैदियो की पहचान संबंधित जिला विधिक सेवक प्राधिकरण स्वयं करेगा या फिर ऐसे कैदी अपने अधिवक्ता के माध्यम से जेल सुप्रीमटेंडेंड या संबंधित न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर स्वयं लाभ ले सकते हैं।
ऐसे कैदी जिन्होंने एनडीपीएस एक्ट, पास्को एक्ट, जिन्होंने महिलाओं के विरुद्ध कोई अपराध किया हो, इनको पैरोल या अंतरिम जमानत का लाभ नहीं दिया जाएगा।