होली बाजार पर कोराना का ग्रहण

गंडई-पंडरिया । कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने होली के रंग को फीका कर दिया है। रंगोत्सव के त्योहार में कोरोना संक्रमण ग्रहण बना हुआ है। नगर में बाजार सजकर तैयार हो गए हैं। लेकिन ग्राहक नहीं आने के कारण दुकानदारों की परेशानी बढ़ गई है। कोरोना के दूसरे फेज का असर भी बाजारों में नजर आ रहा है। लोग होली बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन इस साल भी कोरोना के दूसरे फेज की आहट के कारण लोगों में डर की स्थिति बनी हुई है और इसका सीधा असर होली के बाजारों पर पड़ता नजर आ रहा है, जो दुकानदार रंग -गुलाल की बिक्री लाखों में किया करते थे। वर्तमान हालात ऐसे हैं कि रंग पिचकारी बेचने वाले दुकानदार 100, 200 रुपये के रंग और पिचकारी ब मुश्किल से बेच पा रहे हैं। कोरोना के डर के बीच नगर में होली का बाजार सज गया है। बीते साल के मुकाबले इस बार पिचकारी से लेकर गुलाल तक के दामों में तेजी नजर आ रही है। रंगों पर भी महंगाई का रंग चढ़ा हुआ है। प्लास्टिक से बनी पिचकारियों के दाम सबसे अधिक बढ़े हैं।
बढ़ते संक्रमण ने बिगाड़ा खेल होली से जुड़े रंग-गुलाल और पिचकारी का बाजार में सजकर तैयार हो गया है। जनवरी-फरवरी में कम हो चुके कोरोना के मामलों के बीच होली का त्यौहार बिना रोक-टोक मनाए जाने के आसार दिख रहा था। लेकिन मार्च में केस बढ़ने लगे तो फिर सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंध लागू हो गया है। हालांकि व्यापारियों को ऐसा कुछ होने की उम्मीद नहीं थी और न ही कोरोना के मामलों में तेजी आने की। जिसके चलते स्थानीय व्यापारियों ने त्यौहार को देखते हुए होली के लिए पर्याप्त स्टाक मंगाया था। वहीं अब कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लगी पाबंदी ने व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है। लेकिन इसके बाद भी व्यापारियों को उम्मीद है कि पिछली बार की तरह इस बार भी होली पर अच्छी ग्राहकी रहेगी। वहीं नगर के व्यापारी ने बताया कि प्लास्टिक पिचकारियों के दाम में सबसे अधिक बढ़ोत्तरी हुई है। साथ ही रंग-गुलाल व होली के अन्य सामान के दाम भी 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। होली के लिए बाजार सजकर तैयार हो चुका है।लेकिन अभी ग्राहकी कम है। होली के एक दिन पहले और होली के दिन ही रंग गुलाल की बिक्री होती है। लेकिन होलिका दहन के एक दिन पहले ही खाली बैठे रहे की ग्राहकों की उम्मीद कम नजर आ रही है।
बाजारों में रौनक नहीं नगर में होली के बाजार सज गए हैं, बावजूद दुकानों में ग्राहक नहीं आ रहे हैं। होली से पहले ही होली के बाजार सज जाते हैं और इसी कड़ी में गंडई के बाजारो पर रंग गुलाल के बाजार तो जरूर सजे हुए दिख रहे हैं, पर इस बाजार में रंग और पिचकारी की खरीदारी करने वाले खरीदार नजर ही नहीं आ रहे हैं। इक्के दुक्के ग्राहक बच्चों के साथ पिचकारी रंग गुलाल की खरीदारी करने तो बाजारों में जरूर निकल रहे हैं पर उनके साथ मौजूद रंग और पिचकारी खरीदने वाले बच्चे भी यह कहते नजर आ रहे हैं कि इस वर्ष वह होली पर्व अपने घर में ही मनाएंगे।
कम बिक्री होने से दुकानदार मायूस हर वर्ष लाखों रुपये के रंग और पिचकारी बाजारों में बेचने वाले दुकानदार इस वर्ष कोरोना वायरस के सेकंड फेज की मार झेलने को विवश नजर आ रहे हैं। दुकानदार कहते हैं कि हर वर्ष वह लाखों रुपये के होली के सामान बाजारों में बेच दिया करते थे, पर वर्तमान हालात ऐसे हैं कि 100, 200 रुपये की बिक्री भी इस साल बड़ी मुश्किल से हो पा रही है। कोरोनावायरस के असर को देखते हुए दुकानदारों ने भी इस वर्ष रंग और गुलाल और पिचकारी की खेप कम ही मात्रा में मंगवाई है।
नगाड़ा बेचकर दो वक्त की रोटी खाने वाले कारीगर के ऊपर भी कोरोना का संकट छाया हुआ है कोरोना के इस दौर मे नगाड़ा कारीगरों को भी चिंता होने लगी है की क्या होगा अब। नगर के ही कारीगर ने बताया की होली के बाजारो मे पहले होली के पहले तक 150 से 200 जोड़े नगाड़े बेच लेते थे। लेकिन मुश्किल यह हो गया है कि होली आज जलने वाली है और अब तक 10 जोड़े नंगाड़े बेचना भी मुश्किल हो गया है।