निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर रहे बैंक कर्मचारी
राजनांदगांव। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के बैनर तले नौ बैंक के कर्मचारी दो दिनी हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताली कर्मचारी बैंकों के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों ने कहा कि निजीकरण होने से कई तरह की परेशानी हो रही है। सोमवार को शहर के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सामने एकजुट होकर कर्मचारियों ने बैंकों के निजीकरण का विरोध करते हुए नारेबाजी भी की। दूसरी ओर बैंकों की हड़ताल ने उपभोक्ताओं को भटकने पर मजबूर कर दिया। लेन-देन के लिए ग्राहकों की भीड़ एटीएम में दिखी। परेशानी इसलिए बढ़ी क्योंकि शहर के कई एटीएम में बैंक बंद होने के कारण सर्वर की दिक्कत सामने आयी, जिसको लेकर ग्राहकों को परेशान होना पड़ा। मंगलवार को भी बैंक कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहेगी।
चार दिन बैंक बंद होने से दिक्कत मंगलवार को बैंक चौथे दिन भी बंद रहेगा। इससे पहले शनिवार और रविवार को अवकाश में बंद था। वहीं सोमवार और मंगलवार को कर्मचारियों की हड़ताल के चलते बैंक बंद है। इसके चलते आम उपभोक्ताओं को लेन-देन के लिए परेशान होना पड़ रहा है। सोमवार को बैंकों के बाहर कई पेंशनरों को भटकते देखा गया। वहीं लेन-देन करने आए कई ग्राहक भी बैंक बंद होने से वापस लौटे। ग्राम सुरगी से बैंक में रुपये जमा करने पहुंचे मनोहर लाल साहू ने कहा कि उन्हें बैंक बंद होने की जानकारी नहीं थी। इस कारण वो बैंक आए थे, लेकिन बैंक बंद होने से बिना काम किए लौटना पड़ रहा है।
एटीएम में दिखी भीड़ लगातार चार दिन बैंक बंद होने से उपभोक्ताओं की भीड़ एटीएम में दिखने लगी है। एटीएम से लोग रुपये तो निकाल रहे हैं, लेकिन जमा करने के लिए लोगों को भटकना पड़ा। जिले में कुल 112 एटीएम हैं। इसमें शहरी क्षेत्र में ही 64 एटीएम हैं, जिसमें से कई एटीएम में सर्वर नहीं होने के कारण दिनभर बंद रहा। इस वजह से भी उपभोक्ता परेशान दिखे। खासकर पेंशनरों को ज्यादा दिक्कत हुई। आम ग्राहकों को भी बैंक बंद होने से परेशान होना पड़ा। मंगलवार को भी बैंकों की हड़ताल होने से बैंक बंद रहेंगे, जिसके कारण लोगों को दिक्कत हो सकती है। उपभोक्ताओं की परेशानी को लेकर लीड बैंक के मैनेजर अजय त्रिपाठी ने कहा कि सभी एटीएम में कैश उपलब्ध करा दिए हैं। ग्राहकों को हड़ताल की वजह से कैश को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।